बच्चों को भ्रमित न करें, ‘सच्चे सांता क्लॉज’ का प्रमाण दें; एक लाख का इनाम: हिंदू राष्ट्र समन्वय समिति

कोल्हापुर | क्रिसमस के अवसर पर सांता क्लॉज की परंपरा को लेकर हिंदू राष्ट्र समन्वय समिति ने सवाल उठाए हैं। समिति का कहना है कि बच्चों को सांता क्लॉज के नाम पर काल्पनिक कथाएं सुनाकर भ्रमित किया जा रहा है। इसी को लेकर कोल्हापुर में आयोजित पत्रकार परिषद में समिति ने घोषणा की कि यदि कोई व्यक्ति यह प्रमाणित कर दे कि ‘सच्चा सांता क्लॉज’ वास्तव में आता है, तो उसे एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा।
पत्रकार परिषद में समिति के तालुका संयोजक श्री नितिन काकडे ने कहा कि सांता क्लॉज की अवधारणा के जरिए बच्चों को ऐसी मान्यताओं से जोड़ा जा रहा है, जिनका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि जब सामान्य समय में हिंदू देवी-देवताओं को अंधविश्वास कहने वाले लोग इस पर मौन रहते हैं, तो यह दोहरा मापदंड क्यों।
ईसाई धर्मगुरुओं की राय का हवाला
समिति ने ईसाई धर्मगुरुओं के बयानों का उल्लेख करते हुए कहा कि स्वयं ईसाई समाज में भी सांता क्लॉज की वास्तविकता पर प्रश्न उठते रहे हैं। इटली के बिशप एंटोनियो स्टैग्लियानो के हवाले से कहा गया कि सांता क्लॉज एक काल्पनिक चरित्र है, जिसे व्यावसायिक प्रचार के लिए लोकप्रिय बनाया गया। वहीं अमेरिका के पादरी और लेखक मार्क ड्रीस्कॉल ने इसे बच्चों से झूठ बोलने की प्रवृत्ति से जोड़ा है।
समिति के अनुसार ऑर्थोडॉक्स चर्च में सांता की अवधारणा को स्वीकार नहीं किया गया है। रूस और ग्रीस जैसे देशों में सांता की जगह ‘सेंट बेसिल’ या ‘फादर फ्रॉस्ट’ की परंपरा है। अंग्लिकन चर्च इसे केवल मनोरंजक कथा मानता है, जबकि कुछ प्रोटेस्टेंट संस्थाएं इसे अंधविश्वास करार देती हैं।
हिंदू समाज से अपील
हिंदू राष्ट्र समन्वय समिति ने हिंदू परिवारों से अपील की कि वे बच्चों को अपनी परंपराओं और संस्कारों के अनुरूप शिक्षित करें और विदेशी मिथकों के अंधानुकरण से बचें। समिति ने महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब हिंदू परंपराओं पर आपत्तियां उठाई जाती हैं, तब सांता क्लॉज जैसी अवधारणाओं पर चुप्पी क्यों साधी जाती है।
पत्रकार परिषद में मौजूद रहे
इस अवसर पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के राष्ट्रीय महामंत्री श्री पराग फडणीस, महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के श्री अशोक गुरव, महाराजा प्रतिष्ठान के संस्थापक श्री निरंजन शिंदे, शिवशाही फाउंडेशन के संस्थापक श्री सुनील सामंत, उद्धव बालासाहेब ठाकरे शिवसेना के उपजिलाध्यक्ष श्री संभाजी भोकरे, हिंदुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता श्री रामभाऊ मेथे तथा समिति के श्री शिवानंद स्वामी उपस्थित रहे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक लाख रुपये का चेक भी प्रदर्शित किया गया।












