National News

हिन्दूओं को भेदभाव छोड़कर संगठित होकर रहना वर्तमान समय की आवश्यकता – विनोद आर्य लोनी 

  • पाली


घेवरचंद आर्य पाली

आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश के प्रचारक वैदिक विद्वान विनोद आर्य ने कहा कि राष्ट्र रक्षा द्वारा ही धर्म की रक्षा सम्भव है।


बंगलादेश में हिन्दू हम से अधिक कट्टर है इसके बावजूद भी वो सुरक्षित क्यों नहीं है? इसका कारण यह है कि वो संगठित नहीं है, इसलिए रोज मारे जा रहे हैं। जिस प्रकार बत्तीस दांतों के मध्य जीभ रहती है। वैसे रहने के बावजूद भी उन्होंने अपना धर्म एवं स्वाभिमान नहीं छोड़ा है। इसलिए हमें हर हालत में संगठित रहकर हिन्दूत्व की रक्षा करनी होगी।

आर्य ने कहा कि आर्य वीर दल की आवश्यकता क्यों पड़ी ? आर्य समाज तो पहले ही था। आर्य वीर दल की आवश्यकता इसलिए पड़ी की ताकी हिन्दूओं के बच्चे शास्त्र ज्ञान के साथ शस्त्र संचालन में भी निपूर्ण होकर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम और योगीराज भगवान कृष्ण चन्द्र जी महाराज की तरह राष्ट्र और समाज की रक्षा कर सके। वे आज आर्य समाज के अधिवेशन में राष्ट्र की वर्तमान समस्याओं के समाधान बाबत मोटीवेशन दे रहे थे।

इससे पूर्व स्वास्तिक वाचन ईश्वर स्तुति प्रार्थना उपासना के बाद देवयज्ञ किया गया जिसमें आर्य समाज के प्रधान मगाराम आर्य यजमान बने। रिद्धि आर्य ने रानी लक्ष्मीबाई के जीवन पर भजन सुनाया। आर्य समाज पाली की और से संरक्षक धनराज आर्य, मंत्री विजय राज आर्य, पूर्व प्रधान गजेन्द्र अरोड़ा, नरसिंह आर्य, आर्य वीर दल पाली की और से अध्यक्ष दिलीप परिहार, उपाध्यक्ष शंकर हंस, कोषाध्यक्ष महेन्द्र प्रजापत, सचिव हनुमान आर्य द्वारा पुष्पाहार और परम्परागत राजस्थानी साफा पहनाकर वैदिक विद्वान का स्वागत सम्मान किया गया।

इस अवसर पर घेवरचन्द आर्य, रमेश परिहार, एडवोकेट कुन्दन चौहान, देवेन्द्र मेवाड़ा, रामकिशोर लखेरा, गजेन्द्र गुर्जर, भरत कुमावत, पुनमचन्द वैष्णव, रिंकू पंवार, सिद्धार्थ आर्य, महिला उपाध्यक्ष निर्मला मेवाड़ा, सोनाक्षी आर्या, आदि मोजूद रहे।

Khushal Luniya

Meet Khushal Luniya – Young Tech Enthusiast, Graphic Designer & Desk Editor at Luniya Times Khushal Luniya is a Brilliant young mind who has already Mastered HTML and CSS, and is Currently diving deep into JavaScript and Python. His passion for Computer Programming and Creative Design sets him apart. Alongside being a budding Graphic Designer, Khushal is making his mark

One Comment

  1. Have you ever thought about publishing an ebook or guest authoring on other websites? I have a blog centered on the same information you discuss and would love to have you share some stories/information. I know my visitors would enjoy your work. If you’re even remotely interested, feel free to send me an e-mail.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
16:48