उबेश्वर महादेव आश्रम भाटूंद में हवन-यज्ञ के साथ श्री दत्तात्रेय भगवान जयंती मनाई

उबेश्वर महादेव आश्रम, भाटूंद। श्री श्री 1008 बालयोगी गोविन्दानन्द गिरी जी महाराज के पावन सानिध्य में मंगलवार को श्री दत्तात्रेय भगवान जयंती का पावन आयोजन पूर्ण श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ संपन्न हुआ। आश्रम परिसर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी और वातावरण “जय गुरु दत्त” के जयघोष से गूंज उठा।
हवन-यज्ञ एवं प्रसादी का आयोजन
जयंती महोत्सव के तहत वेद-मंत्रोच्चार के साथ विधिवत हवन-यज्ञ संपन्न हुआ। यज्ञ पूर्णाहुति के बाद सभी भक्तों को प्रसादी वितरण किया गया। भक्तों ने भजन-कीर्तन के माध्यम से श्री दत्तात्रेय भगवान की महिमा का गुणगान किया और दिव्य वातावरण में अपने मन को आध्यात्मिक आनंद से भर लिया।
दत्तात्रेय भगवान का सांस्कृतिक महत्व
भारतीय संस्कृति में श्री दत्तात्रेय भगवान त्रिदेव—ब्रह्मा, विष्णु और महेश—के संयुक्त अवतार माने जाते हैं। इन्हें ‘योगियों के गुरु’ और ‘अवधूत नाथ’ के रूप में विशेष सम्मान प्राप्त है। दत्तात्रेय भगवान ने संसार को प्रकृति को गुरु मानने, सत्य-अहिंसा, संन्यास, और आत्मज्ञान का अद्वितीय संदेश दिया।
उनकी जयंती पर देशभर में साधक ध्यान, जप और सेवा को विशेष महत्व देते हैं।
गाँव के श्रृद्धालु रहे उपस्थित
कार्यक्रम में गाँव के अनेक भक्तों ने भाग लेकर जयंती को सफल बनाया। प्रमुख रूप से छोगाराम, मगाराम, रमेश कुमार, लालाराम-रामाजी, पदमाराम, लालाराम मुलेवा, कन्हैयालाल, किशोरगिरी, कैलाश कुमार, प्रकाश कुमार सहित बड़ी संख्या में मातृशक्ति उपस्थित रहीं।
आयोजन के अंत में बालयोगी गोविन्दानन्द गिरी जी महाराज ने सभी भक्तों को दत्तात्रेय भगवान के उपदेशों पर चलने और मानव सेवा को सर्वोच्च धर्म मानने का संदेश दिया।











