लोकदेवता बाबा रामदेव नेत्रकुम्भ 2025: सेवा, समर्पण और सामाजिक समरसता का महायज्ञ

प्रस्तावना: रामदेवरा की पावन भूमि पर अंधत्व के विरुद्ध संघर्ष
राजस्थान के थार मरुस्थल के हृदयस्थल जैसलमेर जिले में स्थित रामदेवरा, जहाँ लोकदेवता बाबा रामदेवजी की अमर गाथा समाई है, आज एक नए युग की सेवा गाथा लिख रहा है। 1 अगस्त 2025 को यहाँ “लोकदेवता बाबा रामदेव नेत्रकुम्भ 2025” के भव्य शुभारंभ के साथ, भारत के सबसे बड़े निःशुल्क नेत्र स्वास्थ्य शिविरों में से एक का आगाज हुआ।
यह आयोजन केवल एक चिकित्सा शिविर नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, सेवा और वैज्ञानिक प्रबंधन का अनूठा संगम है, जिसमें RSS से प्रेरित संगठनों—सक्षम, विद्या भारती, सेवा भारती और सीमाजन कल्याण समिति का संयुक्त तांत्रिक सहयोग शामिल है।
इस लेख में हम इस महाअभियान के ऐतिहासिक, सामाजिक और संगठनात्मक पहलुओं को विस्तार से जानेंगे, साथ ही यह भी समझेंगे कि कैसे यह शिविर “सर्वे भवन्तु सुखिनः” की भारतीय अवधारणा को साकार कर रहा है।
शुभारंभ समारोह – एक ऐतिहासिक पल
मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन, स्वयं करवाया नेत्र परीक्षण
1 अगस्त 2025 की सुबह, जब सूर्य की पहली किरण रामदेवरा के मंदिरों को सुनहरा रंग दे रही थी, तब राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने इस महाशिविर का औपचारिक उद्घाटन किया। उन्होंने न केवल फीता काटा, बल्कि एक सामान्य रोगी की तरह पूरी नेत्र जाँच प्रक्रिया से गुजरे—पंजीकरण, नेत्र परीक्षण, चिकित्सकीय परामर्श और अंत में चश्मे का निर्माण।
“यह शिविर नेत्रहीनों को नया जीवन देगा। राज्य सरकार ऐसे सामाजिक प्रयासों को पूर्ण सहयोग देगी।”
— श्री भजनलाल शर्मा, मुख्यमंत्री, राजस्थान
दीप प्रज्वलन और प्रार्थना: सेवा को समर्पित शुरुआत
RSS के वरिष्ठ प्रचारक श्री सुरेशचंद्र ने कहा:
“सेवा संघ का उद्देश्य नहीं, साधना है। यहाँ कोई प्रचार नहीं, केवल पुरुषार्थ है।”
सक्षम संस्था की हैदराबाद से पधारी श्रीमती भगवती महेश बलदवा ने कहा:
“हमें समाज के अंतिम व्यक्ति तक नेत्र स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचानी हैं। यह कोई साधारण कार्य नहीं, एक राष्ट्रीय मिशन है।”
नेत्रकुम्भ 2025 – संख्याओं में एक नजर
महत्वपूर्ण आँकड़े
| पैरामीटर | लक्ष्य |
|---|---|
| आयोजन अवधि | 1 अगस्त – 2 सितम्बर 2025 (33 दिन) |
| नेत्र परीक्षण लक्ष्य | 1,25,000 |
| निःशुल्क चश्मा वितरण | 1,00,000 |
| नेत्र सर्जरी | 10,000+ |
| चिकित्सक (प्रति दिन) | 20 नेत्र विशेषज्ञ + 100 ऑप्टोमेट्रिस्ट |
| स्वयंसेवक | 500+ (पूरे भारत से) |
सुविधाएँ और तकनीकी प्रबंधन
- डिजिटल ट्रैकिंग: रोगी का डेटा बारकोड सिस्टम से प्रबंधित
- मोबाइल ऑपरेशन थिएटर: गंभीर मामलों के लिए त्वरित सर्जरी
- आयुष चिकित्सा: आयुर्वेद और होम्योपैथी परामर्श
- चश्मा निर्माण इकाई: 24 घंटे में तैयार चश्मा वितरण
संगठनात्मक ढाँचा – RSS से प्रेरित संस्थाओं की भूमिका
1. सक्षम संस्था: दिव्यांगजनों के लिए समर्पित
- स्थापना: 2010
- उद्देश्य: “समदृष्टि, सक्षम और ममता” के सिद्धांत पर कार्य
- उपलब्धियाँ:
- 4,88,729 नेत्र परीक्षण
- 3,56,947 निःशुल्क चश्मे
- 50,000+ नेत्र सर्जरी
2. विद्या भारती: शिक्षा के माध्यम से जागरूकता
- स्कूली बच्चों में नेत्र स्वास्थ्य जागरूकता अभियान
- शिक्षकों को प्रशिक्षित कर ग्रामीण क्षेत्रों में भेजना
3. सेवा भारती: ग्रामीण संपर्क और रोगी संग्रहण
- गाँवों से रोगियों को लाने की व्यवस्था
- भोजन और आवास की निःशुल्क सुविधा
4. सीमाजन कल्याण समिति: सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुँच
- पाक सीमा के नजदीकी गाँवों से रोगियों को लाना
- भाषाई बाधा दूर करने में सहायता
शिविर संचालन में प्रमुख व्यक्तित्व
1. श्री स्वरूपदान जी (मुख्य संयोजक)
- 25+ वर्षों से RSS सेवा प्रकल्पों से जुड़े
- 2019 प्रयागराज नेत्रकुम्भ का संचालन
2. श्री दयालसिंह पंवार (राष्ट्रीय अध्यक्ष, सक्षम)
“2025 तक भारत को अंधत्वमुक्त बनाना हमारा लक्ष्य है।”
3. श्री चंद्रशेखर (संगठन मंत्री, सक्षम)
- डिजिटल सिस्टम और चिकित्सकों का समन्वय
समाज और सरकार का सहयोग राजस्थान सरकार की भूमिका
- निरामय राजस्थान मिशन के तहत सहयोग
- यातायात और सुरक्षा में सहायता
स्थानीय समाज का उत्साह
- रामदेवरा व्यापारियों द्वारा भोजन और आवास की व्यवस्था
- युवा स्वयंसेवकों द्वारा रोगियों की सहायता
एक नए भारत की ओर अग्रसर
नेत्रकुम्भ 2025 “सेवा ही साधना” के सिद्धांत को साकार करता एक जीवंत उदाहरण है। यह आयोजन न केवल नेत्रहीनों को दृष्टिदान दे रहा, बल्कि सामाजिक एकता, स्वास्थ्य साक्षरता और संगठनात्मक कौशल का भी प्रतीक बन गया है।
“राष्ट्र निर्माण समाज निर्माण से होकर गुजरता है।”
— डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार














