बाल विवाह रोकथाम के लिए मिडिया एवं गैर सरकारी संगठनों का आपसी समन्वय है जरुरी

बाल विवाह रोकथाम को लेकर सामूहिक प्रयासों के तहत मिडिया एवं गैर सरकारी सगंठनों के आपसी प्रयासों एवं बाल विवाह की व्यापकता व चुनौतियों पर चर्चा को लेकर शिव शिक्षा समिति रानोली द्वारा मिडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम अधिकारी सीताराम शर्मा ने संस्था द्वारा संचालित परियोजनाओं की जानकारी देते हुए राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण 5 के आकंडों को प्रस्तुत किया जिसमे राजस्थान मे लडकियों को बाल विवाह 25.4 प्रतिशत एवं लडकों को बाल विवाह 28.2 प्रतिशत होने की बात कही जो चिन्ताजनक स्थिति है टोंक मे 2011 के 48.4 प्रतिशत से 37.2 प्रतिशत आकंडों के साथ 10 प्रतिशत की गिरावट होना देखा गया है विवाह हेतु लडकी की उम्र 18 एवं लडकें की उम्र 21 है किन्तु अधिक प्रचार प्रसार एवं योजनाएं लडकियों को केन्द्र मे रख कर संचालित की जा रही है जिसमे बदलाव करते हुए लडकों का 21 से पूर्व विवाह नही करने के प्रचार प्रसार मे वृद्वि की बात कही।
वही सामुहिक विवाह सम्मेलनों मे आयु दस्तावेज के रुप मे आधार के स्थान पर जन्म प्रमाण पत्र, 10वी अकं तालिका स्कूल सर्टीफिकेट या मेडिकल बोर्ड के प्रमाण पत्र को ही मान्य करने की बात कही। बाल विवाह पर प्रभावी कार्यवाही हेतु प्रशासन द्वारा बडी कार्यवाही का अभाव होने एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी के रुप मे जिम्मेदारी ग्रहण किये अधिकारियों का कार्यजिम्मेदारीयों एवं भुमिका पर प्रशिक्षण की आवश्यकता जैसे मुददो पर भी चर्चा की गई। मिडिया द्वारा बाल विवाह से जुडी खबरों के प्रकाशन के माध्यम से जिलेभर मे सकारात्मक वातावरण निर्माण करने एवं एकजुट होकर प्रयास करने पर सहमति व्यक्त की। कार्यशाला मे परियोजना अधिकारी पुनम जोनवाल सहित 25 मिडिया संवाददाता एवं पत्रकार उपस्थित रहे।
