आईजी ओमप्रकाश का शाहपुरा दौरा- पुलिसिंग में पारदर्शिता, सख्ती और संवाद का संदेश
बनास नदी में अवैध खनन पर जताई चिंता, महिला अत्याचार और संपत्ति विवादों में त्वरित कार्रवाई के निर्देश

शाहपुरा-पेसवानी। अजमेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) ओमप्रकाश शाहपुरा के दौरे पर पहुंचे। अपराह्न बाद शाहपुरा पहुंचने पर उन्हें डिप्टी कार्यालय में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद उन्होंने कार्यालय का निरीक्षण करते हुए वहां की व्यवस्थाओं की समीक्षा की और विभिन्न शाखाओं की जानकारी ली।
आईजी ओमप्रकाश ने डिप्टी कार्यालय, थाना परिसर, और सर्किल क्षेत्र के सभी थानों के पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने अपराध नियंत्रण, विशेषकर संपत्ति संबंधी विवाद, महिला अत्याचार, एससी-एसटी एक्ट से जुड़े अपराधों, और अवैध खनन जैसे गंभीर मामलों पर तत्काल और प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि बनास नदी क्षेत्र में चल रहे अवैध खनन को हर हाल में रोका जाए और इसमें संलिप्त तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
आईजी ने कहा कि पुलिसिंग में सुधार लाने के लिए आमजन से संवाद बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि अब तक उन्होंने स्वयं 15,000 से अधिक लोगों से जनसुनवाई के माध्यम से संवाद किया है, जिससे न केवल समस्याओं की जानकारी मिलती है, बल्कि कई उपयोगी सुझाव भी प्राप्त होते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पुलिस का व्यवहार जनता के प्रति सहयोगात्मक होना चाहिए ताकि नागरिकों का विश्वास बना रहे। पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे थानों पर आने वाले प्रत्येक परिवादी की समस्या को प्राथमिकता से सुनें और त्वरित कार्यवाही करें।
आईजी ओमप्रकाश ने बताया कि अजमेर रेंज के अंतर्गत आने वाले दूर-दराज के लोगों को राहत देने के लिए ई-सुनवाई प्रणाली शुरू की गई है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति अब व्हाट्सएप नंबर 8764853020 के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। यह नवाचार जनसुनवाई को तकनीकी रूप से सरल और सुगम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
महिला अपराधों पर बोलते हुए आईजी ने कहा कि महिला अत्याचार के मामलों में पुलिस की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि ऐसे मामलों में 60 दिन के भीतर चालान पेश करना अनिवार्य है। यदि 45 दिनों के भीतर चालान प्रस्तुत नहीं होता, तो मामला आईजी कार्यालय स्वतः आ जाता है और संबंधित थाना प्रभारी को 15 दिनों के भीतर कार्रवाई के लिए बाध्य किया जाता है।
थानों की निगरानी और जवाबदेही तय—
आईजी ने बताया कि आईजी कार्यालय यह लगातार मॉनिटर कर रहा है कि किस थाना क्षेत्र से सबसे ज्यादा परिवादी कार्यालय आ रहे हैं। ऐसे थानों की पहचान कर संबंधित अधिकारियों से कारण पूछा जा रहा है। इससे थानों की कार्यशैली पर निगरानी रखी जा रही है ताकि जनता की शिकायतों को जमीनी स्तर पर ही निस्तारित किया जा सके।
पेंडिंग मामलों के निस्तारण पर विशेष जोर—
समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने सर्किल क्षेत्र के थानों में लंबित प्रकरणों की सूची मांगी और अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे ऐसे मामलों को शीघ्रता से निपटाएं। उन्होंने कहा कि अनावश्यक विलंब से जनता का पुलिस पर भरोसा कमजोर होता है, जिसे किसी भी हालत में गिरने नहीं देना चाहिए।
थाना परिसर में आमजन से संवाद—
- दोपहर बाद आईजी ओमप्रकाश ने शाहपुरा थाना परिसर में आमजन के साथ भी संवाद किया। इस अवसर पर सीएलजी सदस्य, पुलिस मित्र, और विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। उन्होंने पुलिस और जनता के बीच विश्वास और सहयोग को मजबूत करने पर बल दिया।
आईजी ने कहा कि पुलिसिंग केवल कानून लागू करने का कार्य नहीं, बल्कि समाज के साथ मिलकर सुरक्षा और शांति बनाए रखने का साझा उत्तरदायित्व है।
भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष राजेंद्र बोहरा ने कहा कि शहर में होने वाली चोरियों का खुलासा न होने से शहर में रोष है। कतिपय पुलिस अधिकारी कार्य में कोताही बरतते है तथा बाद में आरोप लगता है कि इस अधिकारी को तो शाहपुरा विधायक की अभिशंसा पर लगाया गया है। जनता से जुड़े मामलों में पुलिस को निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए जो नहीं हो रही है।
इस अवसर पर भीलवाड़ा एसपी धर्मेंद्र सिंह, शाहपुरा एएसपी राजेश आर्य, डिप्टी ओमप्रकाश विश्नोई, थाना प्रभारी सुरेशचंद्र, तथा सर्किल क्षेत्र के सभी एसएचओ सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। सभी अधिकारियों ने आईजी के दिशा-निर्देशों को गंभीरता से लिया और आगामी कार्यवाहियों में त्वरित सुधार का आश्वासन दिया।