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अजमेर: वरुण सागर में लगेगी भगवान झूलेलाल की मूर्ति, बनेगा घाट

- विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने की घोषणा, सिंधी समाज ने किया सम्मान

जयपुर।  अजमेर में फॉयसागर झील का नाम बदलकर वरुण सागर करने के ऐतिहासिक निर्णय पर रविवार शाम सिंधी समाज, विभिन्न समुदायों एवं संगठनों ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का सम्मान किया। इस अवसर पर श्री देवनानी ने घोषणा की कि वरुण सागर में भगवान झूलेलाल की भव्य मूर्ति स्थापित की जाएगी तथा श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए एक विशेष घाट का निर्माण करवाया जाएगा।

सिंधी समाज की धार्मिक परंपराओं को मिलेगा बढ़ावा

श्री देवनानी ने बताया कि यह घाट चेटीचंड उत्सव तक बनकर तैयार हो जाएगा, जिससे समाज अपनी धार्मिक परंपराओं को और अधिक सुगमता से निभा सकेगा। उन्होंने कहा कि सिंधी समाज ने विभाजन का दंश झेला है, और यह निर्णय उनके लिए एक नई पहचान का प्रतीक बनेगा।

गुलामी के प्रतीक से मुक्ति, सनातन धर्म की विजय

श्री देवनानी ने कहा कि फॉयसागर का नाम बदलकर वरुण सागर करना एक ऐतिहासिक निर्णय है, जो गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और सनातन धर्म की विजय का प्रतीक है। भगवान झूलेलाल केवल सिंधी समाज के नहीं, बल्कि सभी समुदायों के आराध्य हैं। उनकी मूर्ति स्थापित होने से सांस्कृतिक विरासत सशक्त होगी और अजमेर को पर्यटन का केंद्र बनाने में मदद मिलेगी।

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अजमेर को पर्यटन केंद्र बनाने की दिशा में प्रयास

उन्होंने बताया कि अजमेर को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए अन्य पहल भी की जा रही हैं, जिनमें अजमेर के प्रवेश द्वार का निर्माण कार्य भी शामिल है। पूर्व में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में 2 करोड़ रुपये की लागत से सिन्धु शोध पीठ स्थापित की गई थी। इसके अलावा, शिक्षा मंत्री रहते हुए शहीद हेमू कालानी, दाहर सेन, संत कंवर राम, संत टेऊ राम व संत भगवान चन्द्र को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया।

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विश्वभर से मिली बधाइयाँ

इस ऐतिहासिक निर्णय पर विश्वभर के सिंधी समाज और संगठनों ने खुशी जाहिर की और बधाइयाँ प्रेषित कीं। बड़ी संख्या में संतों और सिंधी समाज से जुड़े संस्थानों ने समारोह में भाग लिया और इस फैसले को ऐतिहासिक बताया।

देश, प्रदेश और अजमेर में बहती रहेगी विकास की धारा- श्री देवनानी विधानसभा अध्यक्ष का नागरिक अभिनन्दन, महर्षि दयानन्द विश्रान्ति गृह, वरुण सागर और होटल अजयमेरु नामकरण पर हुआ अभिनन्दन अजमेर की दर्जनों संस्थाओं, समाजों और हजारों लोग जुटे

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को गुलामी की मानसिकता और विसंगतियों से मुक्ति का काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में अजमेर में केईएम का नाम बदल कर महर्षि दयानन्द विश्रांति गृह, खादिम होटल का नाम बदल कर अजयमेरु और फॉय सागर का नाम बदल कर वरुण सागर किया गया है। देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजस्थान में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा एवं अजमेर को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। विकास की यह धारा निरंतर बनी रहेगी।
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अजमेर में केईएम का नाम बदल कर महर्षि दयानन्द विश्रांति गृह करने, होटल खादिम का नाम बदल कर होटल अजयमेरु करने तथा फॉय सागर का नाम बदल कर वरुण सागर करने पर रविवार को शहर की दर्जनों संस्थाओं, समाजों एवं हजारों लोगों ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का नागरिक अभिनन्दन किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए देवनानी ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को संजोना और हमारी आने वाली पीढ़ियों को अपने गौरवशाली अतीत से परिचित कराना हमारा कर्तव्य है।
यह नाम परिवर्तन मात्र औपचारिक निर्णय नहीं, बल्कि हमारी अस्मिता और आत्मसम्मान का प्रतीक है। संस्कृति का संरक्षण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व में अजमेर रेलवे स्टेशन का नाम अजमेरी शरीफ एवं अजमेर म्यूजियम का नाम अकबर का किला करने का प्रयास किया गया। हमने इसका विरोध कर नाम परिवर्तन नहीं होने दिया। राष्ट्र निर्माण एवं गौरव का कार्य करने वालों का सम्मान होना चाहिए चाहे विचारधारा में मतभेद हो। इससे पूर्व कार्यकाल में भी शहर के लिए ऎतिहासिक कार्य किए गए । इसमें शहर का पहला महिला इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना एवं 142 किमी पाइपलाइन डलवाना बड़ी उपलब्धि रही।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा हमारी सरकार आजादी के 77 वर्षों बाद भी ब्रिटिश काल की उन सभी निशानियों को हटाने के लिए प्रतिबद्ध है जो हमारी राष्ट्रीय अस्मिता को ठेस पहुँचाती हैं। फॉयसागर का नाम बदलकर वरुण सागर करना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे यह झील अब भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जुड़ सकेगी। वरुण सागर झील का योजनाबद्ध तरीके से सौंदर्यीकरण एवं विकास किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि फॉयसागर झील गुलामी का 132 वर्ष पुराना प्रतीक है। इसका निर्माण ब्रिटिश इंजीनियर फॉय ने जलापूर्ति एवं अकाल राहत के लिए करवाया था। उदयपुर के समान अजमेर भी जिलों की नगरी कहलाएगा। इस प्रकार कुछ दिन पूर्व शहर के बीच स्थित किंग एडवर्ड मेमोरियल भी 113 वर्ष पुराना गुलामी का प्रतीक था। इसका नाम महर्षि दयानंद विश्रांति गृह किया गया। अजमेर महर्षि दयानंद की निर्माण स्थल रही है। महर्षि दयानंद की जयंती पर महर्षि दयानंद विश्रांति गृह नाम की पट्टी का लगाई जाएगी।

उन्होंने बताया इससे पूर्व भी शहर में होटल खादिम का नाम परिवर्तन एवं तेलंगाना हाउस को निरस्त कर इस दिशा में कार्य किया गया। इसके उपरांत भी यदि कोई गुलामी का प्रतीक मिला तो उसका भी नाम परिवर्तित किया जाएगा।

विकास के लिए नित नई घोषणाएं की जा रही है। इसमें अजमेर का भव्य प्रवेश द्वार निर्माण, सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, साइंस पार्क एवं सबके सहयोग से एक नए अजमेर बनाने की और अग्रसर है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी श्रेष्ठ भारत, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा श्रेष्ठ राजस्थान और वासुदेव देवनानी श्रेष्ठ अजमेर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

– लूणिया टाइम्स

न्यूज़ डेस्क

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