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आजादी के 77 वर्ष बाद भी अनुसूचित जाति वर्ग हाशिये पर- सत्यवीरसिंह

"हक है, खैरात नहीं” नारे के साथ देसूरी पहुंची सामाजिक न्याय यात्रा, अनुसूचित जाति वर्ग की समस्याओं पर विचार विमर्श हेतु मसौदा प्रस्तुत किया

देसूरी। अनुसूचित जाति अधिकार अभियान, राजस्थान (अजार) द्वारा प्रदेश भर में “हक है, खैरात नहीं” नारे के साथ सामाजिक न्याय यात्रा मंगलवार दोपहर को देसूरी पहुंची। इस अभियान का उद्देश्य राजस्थान के अनुसूचित जाति वर्ग की समस्याओं का संकलन एवं उनके निवारण हेतु विचार विमर्श के लिए मंच प्रदान करना है.

अभियान के संरक्षक एवं पूर्व महानिरीक्षक पुलिस सत्यवीर सिंह ने कहा कि हम अपनी खूबियों और खामियों को पहचानें तथा हमारे वर्ग की क्षमताओं, जरूरतों और चुनौतियों पर व्यापक विचार विमर्श करें। उन्होंने कहा कि संविधान में समता, स्वतंत्रता, न्याय और बंधुता तथा व्यक्ति की गरिमा और अवसरों की समानता का वादा किया गया, परन्तु ये वादे आजादी के 77 वर्ष बाद भी अधूरे हैं आज भी अनुसूचित जाति वर्ग हाशिये पर है और न्याय व समानता से वंचित होकर हिंसा, जातिगत भेदभाव, छुआछूत तथा उत्पीड़न झेल रहा है।

अभियान के सह संयोजक भंवर मेघवंशी ने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के संवैधानिक अवसर हासिल नही कर पाया है। आज हमारी भागीदारी हर क्षेत्र में नगण्य होती जा रही है। ऐसी विकट परिस्थिति में यह जरूरी हो गया है कि हम लोकतंत्र में अपने संवैधानिक अधिकारों की प्राप्ति के लिये अपने वर्ग की समस्याओं पर खुलकर चिन्तन करें तथा उसके समाधान के लिये एकजुट हो।

अजाक के महासचिव विनोद रलावता ने कहा कि प्रस्तुत मसौदा सभी साथियों के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत है। सभी से अपेक्षा है कि सभी स्तरों पर इस मसौदे पर बात करें तथा अपने सुझाव दें, ताकि राज्य व्यापी विचार-विमर्श के पश्चात यह दस्तावेज विभिन्न राजनीतिक दलों नीति निर्माताओं, जनप्रतिनिधियों, संस्थानों तथा मीडिया के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके तथा इसमें उठाये मुद्दों को समुचित जगह और समाधान प्राप्त हो सके।

कार्यक्रम के बीच डॉ.मोहनलाल सोनल ‘मनहंस’ की पुस्तक’ रोशनी के मायने’ का विमोचन किया।
कार्यक्रम में अनुसूचित जाति कर्मचारी संघ (अजाक) के प्रदेश उपाध्यक्ष बसन्त रोहिल,अजाक देसूरी शाखा अध्यक्ष ललित कुमार भटनागर इत्यादि ने भी आजादी के बाद अनुसूचित जाति के हालात बताए।

कार्यक्रम में बीसीएमओ डॉ.राजेश राठौड़, पूर्व जिला परिषद सदस्य प्रमोदपाल सिंह मेघवाल, अम्बेडकर परिसंघ के अध्यक्ष टेकाराम, उपाध्यक्ष ललितेश मेघवाल, सचिव सुरेश भाटी, श्री मारवाड़ मेघवाल सेवा संस्थान देसूरी के अध्यक्ष देदाराम वाघोणा, कोषाध्यक्ष प्रकाश मोबारसा, रानी के अध्यक्ष हंसाराम हटेला, पदाधिकारी खीमाराम पंवार,रमेश भाटी, तुलसीराम बोस, वरिष्ठ नागरिक जोराराम आदरा, गोमाराम मोबारसा, पुखराज वाघोणा, ताराचंद मोबारसा, भानाराम मोबारसा, कार्यकर्ता नारायण मोबारसा, छगन दहिया, मीठालाल, हजारीलाल भील, नरेन्द्र कुमार, भूराराम मोबारसा, बस्तीमल सोनल, उत्तम गौड़, चुन्नीलाल गहलोत, एडवोकेट प्रेम भटनागर, पंकज कुमार, मांगीलाल सोलंकी, जसाराम सोलंकी, छोगाराम मोबारसा, मनोहर लोंगेशा इत्यादि मौजूद थे।

न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

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