आदर्श विद्या मंदिर माध्यमिक में अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी वर्ष पर संगोष्ठी एवं शिशु मेला हुआ संपन्न
देवी अहिल्याबाई के सामाजिक समरसता , न्याय, आदि गुणों को आत्मसात करना चाहिए - बंसल

बाली। विद्या भारती आदर्श विद्या मंदिर माध्यमिक खुडाला फालना दादा दादी, नाना नानी सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती ओम व भारत माता के समक्ष राजकुमार बंसल (शिशु वाटिका प्रमुख, विद्या भारती राजस्थान क्षेत्र), जिला सचिव सुरेश कुमार मालवीय द्वारा पुष्पांजलि व दीप प्रज्वलित कर किया गया। तथा शिशु कक्षा के भैया बहिन ने गीत, नृत्य, कविता, कहानी, अंग्रेजी स्पोकन, श्लोक, सुभाषित आदि की प्रस्तुति दी।
मुख्यवक्ता राजकुमार बंसल ने बताया की अहिल्याबाई होलकर धर्म और पुरुषार्थ की ही नहीं अपितु वे एक राजमाता भी थी परंतु उनका परिचय पुण्यश्लोका है क्योंकि उनके जीवन में पुण्य कर्मों के अतिरिक्त कुछ भी नहीं था। देवी अहिल्याबाई के जीवन के कुशल प्रशासक, लोकहित, धार्मिक उत्थान, सामाजिक समरसता , न्याय, आदि गुणों को आत्मसात करना चाहिए।
साथ ही उन्होने कहा कि भारतीय संस्कृति में परिवार व्यवस्था श्रेष्ठ रही है उसी के आंचल में बालक का सर्वांगीण विकास होता है। बालक में संस्कारों का बीजारोपण घर से होता है। घर में बड़ो की भाषा , वेशभूषा, उनका परिवार के साथ व्यवहार आदि का अधिक प्रभाव पड़ता है उसी से बालक सीखता है। घर में आपस में मातृ भाषा का प्रयोग करे, महापुरुषों का गौरव सुनाए, प्रेरक प्रसंग सुनाए, अच्छा भोजन परिवार के साथ करे आदि विषयो पर चर्चा की गई।
साथ ही प्रधानाचार्य मनोहर रावल ने सभी अतिथियों का परिचय करवाया और कार्यक्रम की भूमिका रखी। इस अवसर पर कक्षा अरुण से द्वितीय तक 87 अभिभावक गण उपस्थित रहे। इस अवसर पर जिला सचिव सुरेश मालवीय, ललिता रावल, ,भावना देवासी, मंजू सुथार, वन्दना राव, प्रियंका देवड़ा, निकिता शर्मा, सुंदर कुमारी, रमेश कुमार, सपना सोलंकी, किरण सिंह, सुरेश कुमार ,दिनेश कुमार, प्रकाशचंद, अनीषा कुमारी, कृपाल सिंह भाटी, सहित आचार्य बंधु भगिनी उपस्थित थे। मंच संचालन भावना देवासी ने किया।