आर्य समाज पाली की और से शारदीय नवसस्येष्टि दिपावली दयानन्द निर्वाण दिवस पर ऋषि को श्रद्धांजलि
- पाली
घेवरचन्द आर्य पाली
आर्य समाज पाली की और से शारदीय नवसस्येष्टि दिपावली महर्षि दयानंद सरस्वती के 141वे निर्वाण दिवस पर ऋषिवर दयानन्द के बताए वेदोक्त मार्ग पर चलने का संकल्प व्यक्त कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
संरक्षक शिवराम प्रजापत और प्रधान मंगाराम आर्य ने कहां की कार्तिक मास की अमावस्या को आने वाली दिपावली हमे “ओ३म् असतो मा सद्गमय। तमसो मा ज्योतिर्गमय। मृत्योर्मामृतं गमय।” का संदेश देती है।
मंत्री विजयराज आर्य ने कहा कि दिपावली को छोटे बड़े ऊच निच का कोई भेदभाव नहीं रहता है। हर उम्र और आय के व्यक्ति के चेहरे पर खुशी स्पष्ट झलकती है। श्री आर्य ने कहा कि होली (नव सस्येष्टि यज्ञ) दिपावली (शारदीय नव सस्येष्टि यज्ञ) संसार के सभी मनुष्यों का पर्व है । इसको किसी सम्प्रदाय या मज़हब से जोड़कर देखना मेरे हिसाब से अनुचित है। वेद में यज्ञ करना सभी मनुष्यों का कर्तव्य कर्म बताया गया है। क्यों कि यज्ञ से पर्यावरण रक्षण और सभी जीवों का उपकार होता है ।
संरक्षक शिवराम प्रजापत, प्रधान मंगाराम आर्य, मंत्री विजयराज आर्य, कोषाध्यक्ष चन्द्राराम प्रजापत, विधि सलाहकार कुन्दन आर्य, प्रचार मंत्री घेवरचन्द आर्य, अन्तरंग सभा सदस्य धनराज आर्य, पुनमचन्द वैष्णव सहित कई जनों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।