एक थाने के भरोसे 63 गांव, बढ़ रही आबादी घट रहा स्टाफ, 21पुलिसकर्मियों के पद रिक्त
63 गांव एक पुलिस जीप दो बाइक थाने है, लेकिन दुपहिया वाहनों की पर्याप्त नहीं होने से कार्मिकों को पुलिस थाने की जीप व निजी साधनों पर आश्रित रहना पड़ता है। लेकिन क्षेत्र की बढ़ती आबादी के अनुरुप थाने में स्टाफ् में बढ़ोतरी नहीं की गई। कस्बे समेत करीब 63 गांवों को शामिल किया है, लेकिन क्षेत्र में शांति व कानून व्यवस्था के नाम पर एक थाना जहां पर पर्याप्त स्टाफ नहीं है।
पद रिक्त: एक थाने के भरोसे 63 गांव, बढ़ रही आबादी घट रहा स्टाफ, 21 पुलिसकर्मियों के पद रिक्त
समदड़ी क्षेत्र में चुनाव-रैली हो या धरना-प्रदर्शन, झगड़ा-फसाद हो या दुर्घटना, थानान्तर्गत वारंटी गिरफ्तार करना हो या रोजमर्रा के कार्य इन सब को निपटाने के साथ क्षेत्र के मेले व सार्वजनिक समारोह की शान्ति व कानून व्यवस्था बनाने रखने का जिम्मा पुलिस का है। लेकिन स्थानीय थाना क्षेत्र में बढ़ती आबादी व स्टाफ की कमी के बीच क्षेत्र की शांति व्यवस्था बनाए रखना मुश्किल साबित हो रहा है।
समदड़ी थानान्तर्गत करीब 63 गांव है, जबकि क्षेत्र में विभाग के तहत शांति व कानून व्यवस्था के नाम पर एक सीआई, 1 एसआई, 7 एएसआई, 7 हैड कांस्टेबल तथा 31 कास्टेबल सहित 2 कांस्टेबल ड्राइवर व महिला पुलिसकर्मी के पद सृजित है।
लेकिन जहां अनेक अवसरों पर कानून व्यवस्था पर मुख्यमंत्री गहलोत खुद अपनी पीठ थपथपाते है परन्तु यहां थाना क्षेत्र सहित पुलिस चौकी में एक सीआई व 1 एसआई, सहित 6 एएसआई, 4 हेड कांस्टेबल, 9 कास्टेबल के पद रिक्त है।
हालांकि क्षेत्र में थाने के रोजमर्रा के कार्य सभी सम्पादित हो रहे है, लेकिन क्षेत्र में कभी आपराधिक क्षेत्र या मेले व सार्वजनिक के साथ अन्य कार्य स्थलों पर कानून व शांति व्यवस्था का जिम्मा आता है तो स्टाफ की कमी अखरती है। इधर थाने में स्टाफ़ की कमी को पुलिस विभाग भी स्वीकार करते है। लेकिन खाली इन पदों पर नियुक्ति नहीं होने से आए-दिन पुलिस कार्यों के साथ कानून व्यवस्थाएं प्रभावित होना आम बात है। वहीं क्षेत्र व अपराधिक गतिविधियों के अनुरूप वाहनों की व्यवस्था नहीं होना भी एक समस्या बनी हुई है।
उच्च अधिकारियों को स्टॉफ की कमी के बारे मे पता है की थाने में स्टाफ की कमी है। उच्च अधिकारिओ की बैठकों में कई बार अवगत कराया गया। क्षेत्र में रैली, धरना-प्रदर्शन व सभाओं के साथ अन्य कार्यक्रमों में शांति व कानून व्यवस्था बनाए जाने के लिए अन्य थानों से अतिरिक्त पुलिस बल तथा जाप्ता बुलाना पड़ता है।
वही राज्य सरकार ने अपने बजट घोषणा में समदड़ी क्षेत्र के खंडप गांव में नई चौकी खोलने की बात की हैl वही समदड़ी थाना हल्के के सावरडा चौकी क्षेत्र में दो जिलों की सीमा लगती हैं इसके साथ ही देह व्यापार के लिए कुख्यात सावरडा अपराधी, गतिविधियों के बावजूद भी पर्याप्त स्टाफ नहीं है l पुलिस चौकी एक कांस्टेबल के भरोसे चल रही है l