कांग्रेस की नगर पालिका सादड़ी में परिसीमन पर गंभीर आपत्तियाँ, कहा – मतदाताओं के मन में रोष

- पाली
पाली जिले की नगर पालिका सादड़ी में हाल ही में किए गए नए परिसीमन को लेकर नगरवासियों में भारी असंतोष है।
स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने प्रशासन पर परिसीमन में हेरफेर और धांधली करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस संदर्भ में कांग्रेस नेता राकेश मेवाड़ा, राकेश संवशा, रमेश प्रजापत आदि ने नगर पालिका प्रशासन, जिला कलेक्टर, अतिरिक्त जिला कलेक्टर, निर्वाचन अधिकारी, उपखंड अधिकारी, और अधिशाषी अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया है।
परिसीमन में नियमों की अनदेखी
ज्ञापन में कहा गया है कि नगर पालिका अधिनियम के अनुसार परिसीमन हर 10 वर्ष बाद किया जाना चाहिए, जबकि नगर पालिका सादड़ी का परिसीमन 2020-21 में ही किया गया था। बावजूद इसके, मात्र 5 वर्षों के भीतर नया परिसीमन किया गया, जो कानून और नियमों के विरुद्ध है।
शहर की कुल जनसंख्या 30,000 होने के बावजूद, नए परिसीमन में वार्डों का गठन असमान रूप से किया गया। नियमों के अनुसार, प्रत्येक वार्ड में लगभग 700-800 मतदाता होने चाहिए, लेकिन कई वार्डों में 1,500 तक मतदाता कर दिए गए, जबकि कुछ वार्डों में यह संख्या केवल 400 ही रखी गई।
विशेष समुदायों को निशाना बनाने का आरोप
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि परिसीमन के दौरान विशेष रूप से अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के मतदाताओं को एक वार्ड से दूसरे वार्ड में स्थानांतरित किया गया, जिससे उनके राजनीतिक प्रभाव को कमजोर किया जा सके।
- वार्ड नंबर 8 (जहाँ कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार जीता था) के लगभग 150 अनुसूचित जनजाति मतदाताओं को वार्ड नंबर 7 में मिला दिया गया, जो परंपरागत रूप से भाजपा समर्थित रहा है।
- वार्ड नंबर 13 के दमामी ढोली समाज के लगभग 200 वोटरों को वार्ड 14 में स्थानांतरित किया गया, जिससे इस वार्ड की मतदाता संख्या 1,500 हो गई।
- वार्ड नंबर 19 को ओटोबा के बेरे तक बढ़ा दिया गया, जिससे इसकी मतदाता संख्या 1,300 तक पहुँच गई।
- वार्ड नंबर 21 में जाट और मेघवाल समाज के मतदाताओं को हटा दिया गया और उन्हें वार्ड 29 व 23 में मिला दिया गया।
- वार्ड नंबर 23 (मेघवाल समाज का इलाका) पहले जुहारमल / सरूपजी के मकान तक सीमित था, लेकिन अब इसे राजपुरा रोड और उत्तर दिशा तक बढ़ा दिया गया, जिससे इसकी मतदाता संख्या 1,500 हो गई।
राजनीतिक लाभ के लिए परिसीमन का आरोप
ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि परिसीमन प्रक्रिया में राजनीतिक दल विशेष रूप से लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्षी दलों के प्रभावशाली वार्डों को कमजोर किया गया और उनके समर्थकों को भाजपा समर्थित वार्डों में स्थानांतरित कर दिया गया।
- वार्ड नंबर 29 में गाडोलिया लुहार और ढोला रोड के 200 मतदाताओं को वार्ड 30 में मिला दिया गया, जिससे वार्ड 30 की मतदाता संख्या 1,500 हो गई।
- वार्ड नंबर 26 (जिसकी सीमा देसुरी रोड से भाटी होटल तक थी) की मतदाता संख्या 1,200 कर दी गई।
- नेता प्रतिपक्ष राकेश रेखराज मेवाड़ा के वार्ड नंबर 29 में अनुसूचित जाति व जनजाति समाज के मतदाताओं को वार्ड 30 में मिला दिया गया।
संबंधित अधिकारियों से निष्पक्ष जांच की माँग
ज्ञापन में प्रशासन से माँग की गई है कि नगर पालिका सादड़ी के परिसीमन को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए या उसमें आवश्यक सुधार किए जाएँ, ताकि सभी वार्डों में मतदाताओं का संतुलित वितरण सुनिश्चित हो सके।
इसके साथ ही, इस मुद्दे को लेकर नगरवासियों ने विरोध दर्ज कराने की चेतावनी दी है। यदि उनकी माँगों को नजरअंदाज किया गया, तो वे आगे की रणनीति बनाकर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
प्रशासन से प्रमुख माँगें
- नए परिसीमन को रद्द कर 2020-21 के परिसीमन को लागू किया जाए।
- हर वार्ड में मतदाताओं की संख्या समान रखी जाए, यानी 700-800 के बीच।
- राजनीतिक लाभ के लिए अनुसूचित जाति और जनजाति के मतदाताओं को अलग-अलग वार्डों में बाँटने की प्रक्रिया को रोका जाए।
- नगरवासियों को पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया मिले, जिससे सभी समुदायों का समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके।
प्रतिलिपि भेजी गई अधिकारियों को
- जिला कलेक्टर, पाली
- निर्वाचन अधिकारी, बाली
- उपखंड अधिकारी, देसुरी
- अधिशाषी अधिकारी, नगर पालिका सादड़ी
- पत्रकार संघ, सादड़ी-बाली-पाली
नगर पालिका सादड़ी में मतदाताओं को प्रभावित करने और चुनावी समीकरण बदलने के आरोपों से प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। नागरिकों ने निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए जिला कलेक्टर से हस्तक्षेप की माँग की है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और परिसीमन में हुई कथित धांधलियों की निष्पक्ष जाँच होती है या नहीं।