गुरलां टोल प्लाजा व हाइवे बनी गौशाला, यातायात प्रभावित, दुर्घटना की संभावना

मवेशी असुरक्षित, टोल प्लाजा द्वारा कोई सुरक्षा के उपाय नहीं
- गुरला
भीलवाड़ा गुरलां हाईवे 758 पर गुरलां टोल प्लाजा पर मवेशी का जमावड़ा हाइवे पर गौशाला का सीधा मतलब सड़कों पर घूमते हुए बेसहारा मवेशियों को आश्रय देना है, क्योंकि भारत के कई हिस्सों में, विशेषकर राजस्थान में, सड़कों और गुरलां टोल प्लाजा ( मुजरास टोल ) के हाइवे पर गोवंश बेतरतीब ढंग से घूमते हैं। इससे न केवल यातायात प्रभावित होता है और दुर्घटनाएं होती हैं, बल्कि मवेशी भी असुरक्षित रहते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए सरकारें और स्थानीय निकाय मिलकर गौशालाओं का निर्माण करते हैं और अभियान चलाते हैं, जिससे इन बेसहारा गायों को सुरक्षित स्थान मिल सके।

गुरला टोल मेनेजमेंट इस पर संज्ञान नहीं ले रहा है इनको नहीं तो सुरक्षित हाइवे के समीप गोशाला में छोड़ जाता है और नहीं इनके सुरक्षा उपाय जैसे गोवंश के रेडियम बेल्ट और सिंगो पर रेडियम लगाने की व्यवस्था करते हैं, जबकि सेफ्टी टीम समय-समय पर हाईवे पर मवेशियों को सड़क से दूर तक नहीं हटाती है जिससे दुर्घटना से आम आदमी को सामना करना पड़ता है
हाईवे पर मवेशी होने से सडक दुर्घटनाएं होती हैं, यातायात में बाधा उत्पन्न होती हैं, बिसरा गोवंश को गौशाला में पहुंचने की व्यवस्था होनी चाहिए, हाईवे टीम को ग्राम पंचायत या समीप आबादी वाले अधिकारियों के साथ जागरूकता अभियान चलाना चाहिए और जहां-जहां मवेशियों की ज्यादा संख्या है वहां तारबंदी की जाए जिससे मुख्य रूप से हाईवे पर होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है












