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गोडवाड़ संभाग में साहित्य का नव जागरण “पाठक से मिलिए” थीम पर साहित्य गोष्ठी संपन्न

सादड़ी| गोडवाड़ संभाग अंतर्गत सादड़ी स्थित मुक्तिधाम परिसर में श्री गोडवाड़ सांस्कृतिक शोध संस्थान घाणेराव एवं गोडवाड विरासत के संयुक्त तत्वावधान में साहित्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। ‘पाठक से मिलिए’ थीम पर आधारित इस गोष्ठी में दो उपन्यासों पर भी चर्चा हुई।

माँ सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलित कर गोष्ठी का शुभारंभ किया। सर्वप्रथम सभी अतिथियों एवं साहित्यकारों का संस्थान के सचिव जितेन्द्र सिंह राठौड़, घाणेराव द्वारा सम्मान किया गया!

कार्यक्रम की अध्यक्षता राघव पाण्डेय महावीर स्कूल रानी, मुख्य अतिथि डॉ. आईदानसिंह राजपुरोहित प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय बाली, विशिष्ट अतिथि अनंत नारायण सिंह निदेशक नोबल स्कूल फालना, वरिष्ठ लेखिका श्रीमती आशा पाण्डेय ओझा उदयपुर, साहित्यकार लेखिका श्रीमती तृप्ति पाण्डेय पाली रही!

गोष्ठी के दौरान भारूंदा निवासी देवेन्द्र कुमार “देव” द्वारा लिखित ‘मिट्टी के पांव’ उपन्यास पर युवा कवि दिनेश सूत्रधार ने विस्तार से समालोचनात्मक चर्चा की। उपन्यास की वैचारिकी और शिल्प पर बोलते हुए सूत्रधार ने उसे गोडवाड अंचल पर आधारित उपन्यास मानने का सुझाव रखा। वहीं दूसरे उपन्यास ‘बाकी हिस्सा ‘ पर वरिष्ठ शायर सोम प्रसाद साहिल ने अपनी बात रखी। साहिल ने उपन्यास के कथानक पर बात रखते हुए उसे महानगरीय बोध पर आधारित उपन्यास सिद्ध किया।

गोष्ठी में काव्य पाठ का आयोजन भी हुआ जिसमें श्रीमती आशा पाण्डेय ओझा ने बाल कविता का पाठ किया। पाली से आई कवयित्री तृप्ति पांडे ने स्त्री जीवन पर कविता पाठ किया। राघव पांडे ने प्रेम के अभिव्यंजना पक्ष पर कविता पाठ किया। बाली से आये अशोक बी. पुनमिया ने साहस और ईमान पर लिखी कविता का पाठ किया।

  • अंत में कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए श्री गोडवाड सांस्कृतिक शोध संस्थान के कोषाध्यक्ष सुरेश पूरी गोस्वामी ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम में गोडवाड विरासत पत्रिका के सहयोगी विजय सिंह माली, विजय चौधरी, पवन पांडेय पाली, श्री प्रशांत मेघवाल, श्रीमति मीना मेघवाल, आदि साहित्यिक जन के कवि, लेखक उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल मंच संचालन साहित्यकार आशा पाण्डेय उदयपुर ने किया।

अंत में सभी अतिथियों व साहित्यकारों द्वारा “गोडवाड़ विरासत” मासिक पत्रिका की पुस्तक प्रदर्शनी का अवलोकन किया। सभी ने ऐसे साहित्यिक आयोजन हऱ माह में दो बार गोडवाड़ संभाग में अलग – अलग जगह करने का सुझाव दिया!

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