जयपुर: राजस्थान हाई कोर्ट को फिर मिली बम धमकी, परिसर खाली कराया — छह हफ्तों में तीसरी घटना

जयपुर, सोमवार: राजस्थान हाई कोर्ट, जयपुर बेंच में सोमवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब रजिस्ट्रार कार्यालय को एक ई-मेल के माध्यम से बम विस्फोट की धमकी मिली। सुबह लगभग 10:15 बजे प्राप्त इस मेल के तुरंत बाद कोर्ट परिसर को खाली करवा लिया गया। न्यायाधीशों, वकीलों, कर्मचारियों तथा वादकारियों को सुरक्षित बाहर निकलने के निर्देश दिए गए, जिसके चलते दिन की सभी सुनवाई अस्थगित कर दी गई।
इसके बाद पुलिस, एटीएस, बम निरोधक दस्ता (BDDS) और डॉग स्क्वॉड समेत कई सुरक्षा एजेंसियां मौके पर पहुंचीं। टीमों ने कोर्ट भवन के कमरों, पार्किंग, रिकॉर्ड रूम, गार्डन और अन्य हिस्सों का व्यापक निरीक्षण किया। करीब दो घंटे की तलाशी के बाद परिसर को सुरक्षित घोषित किया गया। जांच में कोई विस्फोटक या संदिग्ध वस्तु नहीं मिली और धमकी फर्जी (hoax) साबित हुई।
यह घटना चिंता का विषय इस कारण भी है क्योंकि पिछले छह हफ्तों में यह तीसरी बार है जब हाई कोर्ट को इसी प्रकार की धमकी मिली है। इससे पहले 31 अक्टूबर 2025 और 5 दिसंबर 2025 को भी कोर्ट को धमकी ई-मेल भेजे गए थे, जिनमें दोनों बार ही सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट होकर तलाशी अभियान चलाना पड़ा था।

लगातार धमकियों से बढ़ी चिंता
पुलिस और कोर्ट प्रशासन ने घटना को एक और फर्जी धमकी बताया है, लेकिन बार-बार आ रही धमकियों ने सुरक्षा एजेंसियों और न्यायिक कर्मचारियों की चिंता बढ़ा दी है। कई वकीलों ने कहा है कि लगातार बाधा पहुंचाने वाले ई-मेल न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं और अदालत के सामान्य कामकाज पर असर डाल रहे हैं।
साइबर सेल ई-मेल के स्रोत का पता लगाने में जुटी है, हालांकि शुरुआती आशंका है कि मेल VPN जैसी तकनीकों का उपयोग कर भेजे गए होंगे, जिससे पहचान मुश्किल हो सकती है।
अदालत में सुरक्षा और कड़ी होगी
घटनाओं की आवृत्ति को देखते हुए कोर्ट परिसर में सुरक्षा और सख्त करने की तैयारी है। प्रवेश द्वारों पर जांच को और मजबूत करने, पहचान सत्यापन बढ़ाने तथा बैग-स्कैनिंग की प्रक्रिया को अनिवार्य करने पर विचार किया जा रहा है।
वकीलों और कर्मचारियों के संगठनों ने भी प्रशासन से मांग की है कि धमकी भेजने वाले की पहचान कर कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
फर्जी होने के बावजूद ऐसी धमकियाँ न केवल सुरक्षा तंत्र को चुनौती देती हैं, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया में व्यवधान उत्पन्न करती हैं और लोगों के मन में भय पैदा करती हैं। लगातार तीसरी धमकी के बाद अब यह आवश्यक हो गया है कि साइबर जांच को तेज किया जाए और आरोपी की पहचान जल्द सामने आए।












