टुण्डी के चांदमुखी हॉस्पिटल परिसर में सोहराय पर्व सह मिलन समारोह का आयोजन
टुण्डी के लिए यह हॉस्पिटल एक दिन मील का पत्थर साबित होगा -- डॉ बसंती हेंब्रम।
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टुण्डी। गोविन्दपुर गिरिडीह मुख्य मार्ग के टुण्डी प्रखंड अंतर्गत लोधरियां स्थित मॉडल स्कूल के बगल में नवनिर्मित चांदमुखी हॉस्पिटल में आज सोहराय पर्व सह मिलन समारोह कार्यक्रम का शुभ उद्घाटन अस्पताल के संस्थापक सह प्रोपराइटर डॉ बसंती हेंब्रम ने दीप प्रज्वलित कर किया।
प्राप्त समाचार के अनुसार चांदमुखी अस्पताल के प्रोपराइटर डॉ बसंती हेंब्रम के द्वारा आज़ बुधवार को अपने चांदमुखी हॉस्पिटल परिसर में आयोजित सोहराय पर्व सह मिलन समारोह कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों को आदिवासी रीति रिवाज के अनुसार आरती उतारा गया एवं चरण स्पर्श कर सभी को सम्मानित किया गया।
इस समारोह के दौरान आदिवासी भाई बहनों ने अपने परिवेश में सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया और पर्व को बड़े ही उत्साह पूर्वक मनाया। संवाददाता को चांदमुखी हॉस्पिटल के प्रोपराइटर डॉ बसंती हेंब्रम ने सोहराय पर्व सह मिलन समारोह कार्यक्रम के दौरान कहा कि यह पर्व भाईचारे का पर्व है एवं एक दूसरे से मिलने मिलाने का त्योहार माना गया है।
दो टूक शब्दों में कहा कि टुण्डी जैसे पिछड़े क्षेत्रों के लिए सेवा भाव से इतने बड़े भारी बजट से लोगों की सेवा के लिए हॉस्पिटल का निर्माण किया गया तथा हर सुविधाओं से लैस होने के बाबजूद भी यहां से लोग इलाज कराने धनबाद की और मुखातिब हो रहे है जबकि जहां धनबाद में ऑपरेशन के लिए चालीस हजार रुपए फीस वसूल रहे हैं वहीं चांदमुखी हॉस्पिटल वहीं ऑपरेशन को 25000 रूपए में कर रही है अफसोस केवल इस बात कि है कि मूल निवासी एवं एवं पुत्री एवं अच्छी सेवा प्रदान करने के बाद भी टुण्डी के लोग सहयोग नहीं कर रहे हैं फिर अपने सेवाभाव से चांदमुखी हॉस्पिटल इस क्षेत्रों के लिए एक दिन मील का पत्थर साबित होगा और लोग देर से ही सही एक दिन चांदमुखी हॉस्पिटल में इलाज कराने जरूर आयेंगे।
सोहराय पर्व सह मिलन समारोह में पुरस्कार के तौर पर गैस सिलेंडर तथा टॉफी चॉकलेट का भी वितरण किया गया तथा विभिन्न क्षेत्रों से भी आएं लोगों ने कार्यक्रम का लूफ्त उठाया। मौके पर बोकारो से दिलीप टुडू, मिनाक्षी हेंब्रम, आशाराम किस्कू,हेमलाल हेंब्रम, दशरथ हेंब्रम, राजेन्द्र मुर्मू, रविलाल हेंब्रम,सोनालाल मरांडी, सोमनाथ हेंब्रम, सुशील किस्कू समेत बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग उपस्थित थे।