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तोपचांची प्रखंड के खेशमी मौजा के रैयतों के बीच अविलंब भूमि सर्वे सेटलमेंट का मामला विधानसभा सत्र में छाया

– टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने जोरिया पुल विस्तार और झारखंड आंदोलनकारियों के मुआवजा का मुद्दा भी उठाया


DEEPAK KUMAR PANDEY
Correspondent Dhanbad

DEEPAK KUMAR PANDEY Correspondent - Dhanbad (Jharkhand)
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टुंडी।  19 मार्च (दीपक पाण्डेय) धनबाद जिले के तोपचांची प्रखंड अंतर्गत ग्राम खेशमी मौजा के रैयतों की वर्षों पुरानी मांग एक बार फिर झारखंड विधानसभा सत्र में गूंज उठी। शून्यकाल के दौरान झारखंड विधानसभा के मुख्य सचेतक एवं सत्तारूढ़ दल के विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने इस अहम मुद्दे को प्रमुखता से उठाया।

उन्होंने सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए अविलंब खेशमी मौजा का पुनः भूमि सर्वे सेटलमेंट कराने तथा रैयतों को नया नक्शा उपलब्ध कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि रैयतों को उनके जमीन का स्पष्ट सीमांकन और अधिकार मिलना आवश्यक है ताकि वे किसी भी प्रकार की भूमि विवाद या परेशानी से बच सकें।

इसके अलावा विधायक महतो ने राजगंज धावाचीता बोलाईटांड़ मार्ग को जोड़ने वाले एकमात्र पुलिया की जर्जर स्थिति का मामला भी सदन में जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने बताया कि जोरिया में अवस्थित यह पुलिया पूरी तरह जर्जर हो चुकी है, जिससे आम जनता की आवाजाही में काफी परेशानी हो रही है। विधायक ने जनहित में इस पुलिया के तत्काल विस्तार की मांग की और कहा कि यहां चार स्तंभों वाला पक्का पुल निर्माण कराना जरूरी है ताकि भविष्य में किसी तरह की समस्या न हो।

झारखंड आंदोलनकारियों का मुद्दा उठाते हुए मथुरा महतो ने कहा कि जिन लोगों ने राज्य निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाई, उन्हें आज भी उचित मुआवजा नहीं मिल पाया है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि झारखंड आंदोलनकारियों को समय पर और पूरा मुआवजा दिया जाए ताकि उनके योगदान का सम्मान हो सके।

विधानसभा में टुंडी विधायक मथुरा महतो लगातार अपने क्षेत्र की महत्वाकांक्षी योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए सक्रिय दिखे। उन्होंने टुंडी क्षेत्र के समग्र विकास और जनता की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए स्पष्ट कहा कि टुंडी का चहुंमुखी विकास ही उनकी प्राथमिकता है।

महतो के इस प्रयास की सराहना की जा रही है, क्योंकि उन्होंने जमीनी मुद्दों को विधानसभा में उठाकर जनता की आवाज को मजबूती से रखा। अब देखना यह होगा कि सरकार इन मांगों पर कितनी जल्दी संज्ञान लेती है और इलाके के विकास की दिशा में ठोस कदम उठाए जाते हैं या नहीं।

न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

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