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पाली में दुष्कर्म के आरोपी पिता को पोक्सो कोर्ट ने 20 साल की कठोर सजा सुनाई

पत्नी के काम पर जाने के बाद अपनी ही 10 साल की मासूम बेटी से करता था गंदे काम, छोटे भाई ने माँ को बताया तो मामला सामने आया था

पाली में 10 साल की बेटी के साथ दरिंदगी करने वाले पिता को पॉक्सो कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई। आरोपी ने मासूम के साथ कई बार दुष्कर्म किया था।


विशिष्ट लोक अभियोजक उपमा रावल ने बताया- पाली शहर के औद्योगिक नगर थाने में यूपी हाल पाली के औद्योगिक नगर थाना क्षेत्र निवासी एक महिला ने 21 जुलाई 2023 को रिपोर्ट दी। इसमें बताया कि वह मजदूरी करने सुबह 8 बजे जाती है और रात को 8 बजे घर आती है।


इस दौरान घर पर उसकी 10 साल की बेटी, 8 साल का बेटा और पति रहते थे। एक दिन बेटे ने उसे बताया- आपके काम पर जाने के बाद पिता बहन के साथ गंदा काम करते हैं। जब बेटी से इस बारे में पूछा तो वह बहुत घबरा गई थी। फिर बताया कि पिता उसके साथ कई बार जबरदस्ती करते हैं और किसी को कुछ भी नहीं बताने के लिए धमकाते हैं। इसके कारण उसने किसी से भी नहीं बताया।
महिला की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था। 14 सितंबर 2023 को कोर्ट में चार्जशीट पेश हुई। मामले में दोनों पक्षों के वकीलों की बहस और गवाहों के बयान सुनने के बाद गुरुवार को पाली के पॉक्सो कोर्ट संख्या एक के जज सचिन गुप्ता ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई।

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प्रतीकात्मक फोटो

How Can Parents Make Their Children Aware About Child Sexual Abuse?

वर्तमान समय में बाल यौन शोषण एक गंभीर और संवेदनशील मुद्दा है। बाल शोषण से जुड़े मामले आए दिन बढ़ते जा रहे हैं। जिसे लेकर जागरूक होना बेहद जरूरी है। हाल ही में यूनिसेफ द्वारा बाल यौन हिंसा पर वैश्विक रिपोर्ट प्रकाशित किया गया है। जिसे देख अनुमान लगाया जा सकता है कि आज के समय में बाल यौन हिंसा के प्रति जागरूक होना कितना जरूरी है।

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इस रिपोर्ट में बताया गया है कि आज दुनिया में 370 मिलियन से अधिक महिलाएं व लड़कियां यौन उत्पीड़न का शिकार हो चुकी हैं। जिसमें 8 में से 1 लड़की या महिला ने 18 वर्ष से पहले ही यौन हिंसा का सामना किया है। यह आंकड़े काफी गंभीर हैं, जिससे निपटने के लिए तत्काल प्रभावी रोकथाम की जरूरत के साथ-साथ हर बच्चे के माता-पिता को भी इसके प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है, क्योंकि अधिकतर मामलें में बच्चों को किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा आघात पहुंचाया जाता हैं। जिसे वह जानता है या विश्वास करता है। साथ ही उन स्थानों पर यह घटनाएं ज्यादा होती हैं। जहां बच्चों को सबसे अधिक सुरक्षित महसूस करना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि हर पेरेंट्स अपने बच्चों को बाल यौन शोषण के प्रति जागरूक, शिक्षित व तैयार करें, ताकि वह अपने साथ हो रहे दुष्कर्म को समझ सकें।

क्यों है ज़रूरी पेरेंट्स को अपने बच्चे को बाल यौन शोषण के प्रति जागरूक करने की?

सबसे पहले ज़रूरी है कि माता व पिता पहले खुद समझ की बाल यौन शोषण क्या है, क्योंकि अधिकतर पेरेंट्स इसे सामान्य समझ बैठते हैं। जिससे बच्चों के शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है, इसलिए माता व पिता दोनों को समझने की आवश्यकता है कि बच्चे से बढ़कर कुछ नहीं होता। ऐसे में किसी भी दुष्कर्म को अनदेखा करना कोमल बाल मन पर गहरा प्रभाव छोड़ता है, जो सालोंसाल तक घाव बन दर्द को उकरेते रहता है। मासूम बच्चे अपने साथ हो रहे प्रताड़ना को ना तो पहचान पाते हैं और ना किसी से कुछ कह पाते हैं। ऐसे में माता व पिता को अपने बच्चों को गलत चीजों के प्रति अलर्ट करना सीखाना होगा, ताकि किसी भी प्रकार के अनहोनी को होने से रोका जा सकें।

इन तरीकों से पेरेंट्स कर सकते हैं अपने बच्चों को बाल यौन शोषण के प्रति जागरूक

एक माता-पिता के तौर पर यह बेहद ज़रूरी है कि आप अपने बच्चों के साथ खुलकर संवाद करें। ताकि वह अपने साथ हो रहे किसी भी गलत बर्ताव को आपसे सांझा कर सकें। इसके लिए ज़रूरी है कि आप उन्हें प्रोत्साहित करें कि अपने असहजता को आपको तुरंत बताएं। साथ ही उन्हें विश्वास दिलाएं कि आप उनकी बातों को सुनकर उन पर भरोसा करेंगे।
छोटी उम्र से ही अपने बच्चों को गुड टच और बैड टच के बीच अंतर को समझाएं। उन्हें बताएं कि गुड टच में सहज और अपनेपन का एहसास होता है। वहीं, बैड टच में असहजता, डर या उलझन महसूस होती हैं।

अपने बच्चों को बताएं कि यदि कोई व्यक्ति सीमाओं को लांघने की कोशिश करता हैं, तो उन्हें तुरंत मना कर दें। उन्हें अपने शरीर को लेकर ज्यादा जागरूक करें कि यह शरीर उनका है, इसलिए उन्हें अधिकार है कि कौन उन्हें छू सकता है और कौन नहीं।
बाल यौन शोषण के प्रति जागरूक करने के लिए आप अपने बच्चों को कुछ विश्वसनीय लोगों की पहचान करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रहें कि इसमें माता-पिता व घर के कुछ खास सदस्य ही शामिल हो। ताकि असहज महसूस करने के बाद वो अपनी बात उन्हें बता सकें।
उन्हें बताएं कि शरीर से जुड़े किसी भी चीज को अपने माता-पिता के बीच सीक्रेट ना रखें। इसके लिए आप अपने बच्चे को प्रोत्साहित कर सकते हैं, ताकि वो अपनी बात रखने में किसी भी प्रकार की झिझक को न लाएं।

न्यूज़ डेस्क

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