- मुम्बई/ललित दवे
कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया इस वर्ष होली के त्यौहार से मुंबई सहित देश भर के व्यापारियों में एक नई उमंग और उत्साह का संचार हुआ है और व्यापार के भविष्य को लेकर एक बार फिर नई आशा जगी है । पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष होली के त्योहारी सीजन में देश भर के व्यापार में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है जिसके कारण देश भर में 50 हज़ार करोड़ से ज़्यादा का व्यापार हुआ है। अकेले मुंबई में ही यह 3 हज़ार करोड़ रुपये के व्यापार की संभावना है। पिछले वर्षों की तरह चीनी सामान का न केवल व्यापारियों ने बल्कि आम लोगों ने भी पूर्ण बहिष्कार किया । होली से जुड़े सामान का देश में आयात लगभग 10 हजार करोड़ का होता है जो इस बार बिल्कुल नगण्य रहा।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं चाँदनी चौक से भाजपा प्रत्याशी प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की इस बार होली की त्यौहारी बिक्री में चीन का बने हुए सामान का व्यापारियों एवं ग्राहकों ने बहिष्कार किया और केवल भारत में ही निर्मित हर्बल रंग एवं गुलाल, पिचकारी, ग़ुब्बारे, चंदन , पूजा सामग्री, परिधान सहित अन्य सामानों की जमकर बिक्री हुई वहीं मिठाइयां, ड्राई फ्रूट , गिफ्ट आइटम्स, फूल एवं फल, कपड़े , फ़र्निशिंग फैब्रिक, किराना, एफएमसीजी प्रोडक्ट, कंज्यूमर ड्युरेबल्स सहित अन्य अनेकों उत्पादों की भी ज़बरदस्त माँग बाज़ारों में देखने को मिली।
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शंकर ठक्कर ने बताया की इस वर्ष मुंबई सहित देश भर में बड़े पैमाने पर होली समारोहों का आयोजन हो रहा है जिसके चलते बैंक्वेट हाल, फार्म हाउस, होटलों , रेस्टोरेंट एवं सार्वजनिक पार्कों में होली समारोहों आयोजनों का तांता लगा और इस सेक्टर ने दो वर्ष के बाद अच्छा व्यापार के दिन देखे हैं ।अकेले मुंबई भर में छोटे बड़े मिलाकर 2 हज़ार से ज़्यादा होली मिलन समारोह आयोजन हुआ। और सभी कार्यक्रमों में शामिल लोगों को चेहरों पर एक नई ख़ुशी तथा उत्साह का वातावरण देखने को मिला।
होली के पर्व में मुंबई के सभी थोक एवं खुदरा बाजार पूरी तरह सजे हुए थे। सभी बाजारों में दुकानों पर गुलाल और पिचकारी के साथ होली के अन्य सामानों की खरीदारी के लिए भीड़ लगी रही ।मिठाई की दुकानों पर ख़ास तौर से होली पर बनने वाली गुंजिया आदि के बड़े स्तर पर बिक्री हुई ।
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खंडेलवाल ने कहा की दिल्ली में 24 मार्च को होली जलाई गई जबकि रंगों का पर्व 25 मार्च को मनाया गया । होली के रंग में बाजार भी रंगे हुए नजर आने लगे । बाजार में रंग बिरंगे गुलाल और पिचकारी के अलावा गुजिया के हार और मेवा से दुकानें सजी हुई थी। बाजार में खरीददारी के लिए लोगों की प्रतिदिन बड़ती रही ।उन्होंने बताया की होली पर रिश्तेदारों के यहां हार और मिठाई के साथ में मेवे की माला ले जाने की परंपरा के चलते खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ दुकानों पर लगी रही। इसके चलते बाजार में चहल पहल बनी रही। केमिकल युक्त गुलाल, रंग की बजाय हर्बल रंग, अबीर और गुलाल की सर्वाधिक माँग बाज़ारों में रही वहीं ग़ुब्बारे और पिचकारी की माँग पिछले सालों के मुक़ाबले कुछ ज़्यादा रही। वीकेंड के नाते शनिवार और अगले दिन रविवार को व्यापारियों को रिकॉर्ड तोड़ बिक्री हुई है। खंडेलवाल ने बताया की इस बार बाजार में अलग-अलग तरह की पिचकारी गुब्बारे और अन्य आकर्षक आइटम देखने मिले। प्रेशर वाली पिचकारी 100 रुपये से 350 रुपये तक की उपलब्ध थी। टैंक के रूप में पिचकारी 100 रुपये से लेकर 400 रुपये तक में उपलब्ध थी। इसके अलावा फैंसी पाइप की भी बाजार में धूम मची। बच्चे स्पाइडर मैन, छोटा भीम आदि को बच्चे खूब पसंद कर रहे थे वहीं गुलाल के स्प्रे की माँग बेहद हो रही थी।
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