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सादड़ी नगर पालिका परिसीमन में धांधली का आरोप, विपक्ष नेता ने उपखंड अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

सादड़ी। नगर पालिका सादड़ी के हाल ही में किए गए परिसीमन को लेकर विरोध शुरू हो गया है। विपक्ष नेता एवं कांग्रेस नेता राकेश रेखराज मेवाड़ा ने मंगलवार को उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर परिसीमन में अनियमितताओं और धांधली का आरोप लगाया। उन्होंने मांग की कि इस नए परिसीमन को निरस्त किया जाए या उसमें सुधार किया जाए।

परिसीमन में धांधली के आरोप
मेवाड़ा ने आरोप लगाया कि नगर पालिका प्रशासन ने परिसीमन प्रक्रिया में पक्षपात किया है और वार्डों का विभाजन अनुचित तरीके से किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 में नगर पालिका का परिसीमन पहले ही हो चुका था, जबकि नियमों के अनुसार परिसीमन 10 वर्षों में एक बार किया जाता है। इसके बावजूद मात्र 5 वर्षों में परिसीमन कर दिया गया, जो नियम विरुद्ध है।

उन्होंने कहा कि परिसीमन के दौरान विशेष रूप से अनुसूचित जाति एवं जनजाति के मतदाताओं को इधर-उधर किया गया, जिससे वार्डों का संतुलन बिगड़ गया। उन्होंने कई वार्डों के उदाहरण देते हुए बताया कि कहीं मतदाताओं की संख्या 400 रह गई है, तो कहीं 1500 तक पहुंच गई है, जिससे चुनाव प्रक्रिया प्रभावित होगी।

ज्ञापन में उठाए गए प्रमुख बिंदु

  • 1. वार्ड नंबर 8 – अनुसूचित जनजाति समाज के 150 मतदाताओं को वार्ड 7 में जोड़ दिया गया, जिससे जनसंख्या संतुलन गड़बड़ा गया।
  • 2. वार्ड नंबर 13 – दमामी ढोली समाज के 200 मतदाता वार्ड 14 में जोड़ दिए गए, जिससे कुल मतदाता 1500 हो गए।
  • 3. वार्ड नंबर 19 – वार्ड की सीमा बढ़ाकर 1300 मतदाता कर दिए गए, जिनमें अनुसूचित जाति व जनजाति के मतदाता प्रमुख हैं।
  • 4. वार्ड नंबर 21 – जाट व मेघवाल समाज के मतदाताओं को अन्य वार्डों में जोड़ दिया गया, जिससे असंतुलन पैदा हुआ।
  • 5. वार्ड नंबर 23 – मेघवाल समाज के मतदाताओं को अन्य क्षेत्रों में जोड़कर वार्ड की कुल जनसंख्या 1500 कर दी गई।
  • 6. वार्ड नंबर 29 एवं 30 – गाडोलिया लुहार समाज के 200 मतदाता वार्ड 30 में जोड़ दिए गए, जिससे दोनों वार्डों में जनसंख्या 1300 से अधिक हो गई।

नियमों का उल्लंघन
मेवाड़ा ने कहा कि परिसीमन अधिनियम के तहत केवल जनसंख्या वृद्धि या वार्डों की संख्या बढ़ाने पर परिसीमन किया जा सकता है, लेकिन सादड़ी में न तो जनसंख्या बढ़ी और न ही नए वार्ड जोड़े गए, फिर भी नया परिसीमन कर दिया गया। उन्होंने इसे राजनीतिक लाभ के लिए किया गया निर्णय बताते हुए राज्य सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की।

प्रतिलिपि विभिन्न अधिकारियों को भेजी गई
ज्ञापन की प्रतिलिपि निर्वाचन अधिकारी बाली, उपखंड अधिकारी देसुरी, अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका सादड़ी, एवं पत्रकारों को भी सौंपी गई है।

आंदोलन की चेतावनी
विपक्ष नेता ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही इस मामले में सुधार नहीं किया गया तो वे इस निर्णय के खिलाफ बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे। उन्होंने निर्वाचन आयोग से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि नगर पालिका प्रशासन ने सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए परिसीमन में हेरफेर किया है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है।

न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

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