बजट से संविदा कर्मियों को निराशा, नहीं मिली नियमितिकरण या वेतन वृद्धि

जयपुर। राज्य की वित्त मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी द्वारा प्रस्तुत बजट में संविदा कर्मियों के लिए कोई ठोस घोषणा नहीं की गई, जिससे उनमें भारी असंतोष है।
प्रदेश के समस्त मानदेय कर्मियों के वेतन में आगामी वर्ष से 10% वृद्धि की घोषणा की गई है, लेकिन इसका लाभ संविदा कर्मियों को नहीं मिला। संविदा कर्मी पिछले 10 वर्षों से कार्यरत हैं, लेकिन उन्हें न तो नियमित सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिला और न ही सम्मानजनक वेतन।
संविदा कर्मियों की नाराजगी
पंचायत शिक्षक एवं विद्यालय सहायक संघ के प्रदेश संरक्षक देवी सिंह देवल ने बताया कि संविदा कर्मी पूर्व में विद्यार्थी मित्र, प्रेरक, सर्व शिक्षा अभियान के कार्मिक रह चुके हैं। इन्हें पंचायत सहायक व अन्य संविदा पदों पर नियुक्त किया गया, लेकिन 10 वर्षों से अधिक समय बीतने के बावजूद न तो इन्हें नियमित किया गया और न ही पर्याप्त वेतन वृद्धि दी गई। संविदा कर्मियों को उम्मीद थी कि इस बजट में उनके लिए अलग से प्रावधान किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। संविदा सेवा नियम 2022 की पूर्ण पालना भी नहीं हो रही है, जिससे कर्मी नाराज हैं।
संविदा सेवा नियमों में संशोधन की मांग
संविदा कर्मियों ने सरकार से मांग की है कि संविदा सेवा नियम 2022 में आवश्यक संशोधन किया जाए, ताकि सभी विभागों में संविदा कर्मियों को उनकी योग्यता के अनुसार लाभ मिल सके। साथ ही, राजस्थान शिक्षा सेवा नियम 2024 को लेकर भी अब तक कोई स्पष्टता नहीं है, जिससे शिक्षा विभाग के संविदा कर्मियों में असमंजस बना हुआ है। संविदा कर्मियों ने सरकार से जल्द से जल्द इस मुद्दे पर निर्णय लेने की मांग की है।