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बाल विवाह को सख्ती से रोकथाम को लेकर जिला कलक्टर ने जारी किए आदेश

अवहेलना करने पर नियमानुसार की जाएगी कार्रवाई

सुमेरपुर।

बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा 13(4) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुऐ आगामी अक्षय तृतीया (आखातीज) 10 मई 2024 एवं पीपल पूर्णिमा 23 मई 2024 के दौरान बाल विवाह के आयोजन की प्रबल सम्भावनाओं को देखते हुए संबंधित अधिकारियों को रोकथाम के निर्देश दिए है।

जिला कलक्टर एवं मजिस्ट्रेट एलएन मंत्री ने आदेश जारी करते हुए ग्राम व तहसील स्तर पर पदस्थापित विभिन्न विभाग के अधिकारी कर्मचारी विशेष रूप से पटवारी, भू-अभिलेख निरीक्षक, ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम सेवक, ग्राम में नियुक्त बीट कानि. हेल्पर, ए.एन.एम. जी.एन.एम. आंगनवाडी केन्द्र में नियुक्त महिला समन्वयक, प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यालय के प्रधानाध्यापक अर्थात वो प्रत्येक कर्मचारी शामिल है जो ग्राम के अधीन किसी सरकारी कार्यालय में पदस्थापित है वो किसी बाल विवाह के आयोजन के बारे में किसी प्रकार की जानकारी होने पर तुरन्त इसकी सूचना बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी अर्थात उस क्षेत्र के संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट को देने के लिए पाबन्द रहेंगे।

उन्होंने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 की धारा 13 (4) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह आदेशित किया है कि इस संबंध में विवाह के कार्ड छापने वाले प्रत्येक प्रिंटिंग प्रेस विवाह का कार्ड छापते समय वर-वधू की आयु के संबंध में प्रमाण पत्र प्राप्त कर अपने पास रखे अथवा उसकी जन्म तिथि कार्ड पर अंकित करवाया जाना सुनिश्चित किया जाये। प्रादेशिक परिवहन अधिकारी विवाह के प्रयोग में लिये जाने वाले वाहन को परिवहन परमिट देते समय इस बात को प्रमाणित करें कि वाहन बाल विवाह के उपयोग में नहीं लिया जायेगा।

इस संबंध में आयोजित होने वाले विवाह के दौरान कार्य करने वाले यथा पण्डित, हलवाई, बैण्ड मास्टर, टैण्ट मालिक, फोटोग्राफर, प्रिंटिंग प्रेस आदि को अनुबंधित करने पर उनके द्वारा एक परिवचन (अण्डर टेकिंग) संलग्न प्रपत्र में भरकर अपने पास संग्रहित रखेंगे। परिवचन का संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट द्वारा विवाह आयोजन के दौरान कार्य करने वाली एजेंसियों से परिवचन प्राप्त कर उसका सत्यापन करेंगे। उन्होंने बैण्ड बाजे, हलवाई, पंडित, टैण्ट मालिक, फोटोग्राफर. प्रिंटिंग प्रेस आदि जो विवाह के कार्य को अनुष्ठापित करवाते हैं इस बात के लिए कर्तव्यनिष्ठ रहेंगे कि ऐसा बाल विवाह अनुष्ठापित नहीं करवायेंगे। इस प्रकार से होने वाले किसी भी अपराध की सूचना प्रशासन से संबंधित अधिकारी अथवा बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी उपखण्ड अधिकारी को देने के लिए बाध्य है व ऐसे कर्तव्य का विलोप दण्डनीय अपराध है।

बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों का व्यापक प्रचार प्रसार करने एवं आमजन को जानकारी करवाने एवं बाल विवाह रोके जाने के लिए उचित कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाये। इस आदेश की अवहेलना किये जाने पर अधिनियम की धारा 11 के तहत बाल विवाह को प्रोन्नत करने या उसको अनुष्ठापित करने के लिए दण्डित कराने के लिए सक्षम न्यायालय में कार्यवाही की जायेगी।


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उन्होंने बताया कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए 181 कॉलसेंटर पर तथा पुलिस नियंत्रण कक्ष के 100 नंबर पर कॉल कर कभी भी शिकायत दर्ज की जा सकती है। साथ ही उपखंड मजिस्ट्रेट भी अपने अपने कार्यालय में नियंत्रण कक्ष स्थापित करेंगे जो चौबीसों घंटे क्रियाशील रहेगा।


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फूल चंद सोलंकी सुमेरपुर संवाददाता

Phoolchand Solanki is an experienced journalist in the field of journalism, Solanki is providing invaluable services as a correspondent of Sumerpur city of Pali district of Rajasthan in Lunia Times News.

One Comment

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