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भारतीय काल गणना पूर्ण वैज्ञानिक एवं खगोल सम्मत – माली

सादड़ी 9 अप्रेल।

भारतीय काल गणना पूर्ण एवं खगोल सम्मत है,यह प्रकृति की ऋतु चर्या पर आधारित है।

इसमें समय की सूक्ष्मतम ईकाई पर विचार किया गया है।हमें केवल भारतीय नववर्ष को ही नहीं अपनाना है बल्कि भारतीय काल गणना को भी व्यवहार में लाना है। उक्त उद्गार विजय सिंह माली ने स्थानीय श्रीधनराज बदामिया राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में इतिहास संकलन समिति की ओर से आयोजित विचार गोष्ठी में व्यक्त किए।

माली ने कहा कि हमें भारतीय काल गणना पर आधारित पंचांग की प्रतिदिन प्रार्थना सभा में जानकारी देनी चाहिए।इस अवसर पर सुशीला सोनी ने वर्ष प्रतिपदा के महत्व की जानकारी दी। कविता कंवर ने नव वर्ष पर शुभकामनाएं दी तथा विद्यार्थियों को संकल्प कराया।इस अवसर पर रमेश सिंह राजपुरोहित,रमेश वछेटा, वीरमराम चौधरी, मनीषा सोलंकी,बीएड प्रशिक्षु फरीन ने भी अपने विचार व्यक्त किए।मंच संचालन प्रकाश कुमार शिशोदिया ने किया।इस अवसर पर नव वर्ष के शुभकामना पत्रक का विमोचन भी किया गया।इस अवसर पर स्नेहलता गोस्वामी, प्रकाश परमार,मधु गोस्वामी, महावीर प्रसाद, मनीषा ओझा, चुन्नीलाल लोंगेशा, गजेन्द्र सिंह समेत समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।

उल्लेखनीय है कि चैत्र शुक्ल एकम यानी वर्ष प्रतिपदा से भारतीय नववर्ष का प्रारंभ होता है।आज विक्रम संवत 2081 शुरु हुआ है।


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