महाकवि कालिदास के कालजयी साहित्य का भारतीय साहित्य में प्रमुख स्थान – माली
- सादड़ी
संस्कृत के महाकवि कालिदास के कालजयी साहित्य का भारतीय साहित्य में प्रमुख अवदान है।
उनका शब्द शिल्प, शब्द सौंदर्य व भाव सौंदर्य देखते ही बनता है। उक्त उद्गार प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने स्थानीय पीएम श्रीधनराज बदामिया राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय सादड़ी में आयोजित कालिदास जयंती समारोह में व्यक्त किए। माली ने कहा कि हमें समय निकाल कर अभिज्ञानशांकुंतलम्, रघुवंश जैसी कालजयी कृतियों को पढ़ना चाहिए।इस अवसर पर स्नेहलता गोस्वामी, मधु गोस्वामी महावीर प्रसाद कन्हैयालाल ने भी विचार व्यक्त किए।
रमेश सिंह राजपुरोहित रमेश कुमार वछेटा ने कालिदास के व्यक्तित्व कृतित्व पर प्रकाश डाला। इससे पहले कविता कंवर मनीषा सोलंकी के निर्देशन में भाषण निबंध चार्ट निर्माण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें मनीषा ओझा व सुशीला सोनी ने निर्णायक की भूमिका निभाई। प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को सम्मानित किया गया।इस अवसर पर वीरमराम चौधरी समेत समस्त स्टाफ , बीएड प्रशिक्षु फरीन व शोभा सोनी सहित कई अभिभावक उपस्थित रहे ।मंच संचालन प्रकाश कुमार शिशोदिया ने किया।