माताजी मंदिर मुण्डारा में नकबजनी का खुलासा: शातिर आरोपी गिरफ्तार, कई और वारदातों के खुलासे की संभावना

सादड़ी — सादड़ी थाना पुलिस ने चामुंडा माताजी मंदिर मुण्डारा में हुई नकबजनी की वारदात का पर्दाफाश करते हुए एक शातिर आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी दिनेश गरासिया ने मंदिर की दानपेटी तोड़कर लगभग 4 लाख रुपये की नकदी चोरी की थी। इस मामले में और भी कई चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।
घटना की पृष्ठभूमि
16 अप्रैल को मुण्डारा स्थित चामुंडा माताजी मंदिर ट्रस्ट के रिसीवर और उपखंड अधिकारी ने सादड़ी थाना में शिकायत दर्ज कराई थी कि 15-16 अप्रैल की रात को मंदिर में अज्ञात चोरों ने दानपेटी तोड़कर लाखों रुपये चोरी कर लिए। रिपोर्ट पर मामला संख्या 79/2025 दर्ज किया गया।
इस गंभीर वारदात को सुलझाने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें तकनीकी और साइबर विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया।
कैसे हुआ खुलासा?
पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर गहन निरीक्षण किया और मंदिर परिसर व आसपास के क्षेत्रों के सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच की। मुखबिर की सूचना पर दिनेश कुमार गरासिया नामक युवक को संदिग्ध मानते हुए विशेष निगरानी में लिया गया। दिनेश, वर्तमान में साण्डेराव क्षेत्र के बांगड़ी गांव में कृषि कार्य करता है।
तकनीकी और मनोवैज्ञानिक पूछताछ के दौरान दिनेश ने अपराध स्वीकार कर लिया। उसने बताया कि उसने अपने दो साथियों के साथ मिलकर मंदिर की रैकी की और रात के अंधेरे में पीछे के रास्ते से मंदिर में प्रवेश कर वारदात को अंजाम दिया।
आरोपी का आपराधिक इतिहास
दिनेश गरासिया एक शातिर अपराधी है, जिसका नाम पहले भी काठेश्वर महादेव मंदिर चोरी और बिजोवा ग्राम में मामाजी मंदिर डकैती जैसे मामलों में सामने आ चुका है। पुलिस ने अन्य वांछित आरोपियों राकेश गरासिया और भैराराम उर्फ भैरया गरासिया को भी दस्तयाब किया है।

तरीका-ए-वारदात
पूछताछ में सामने आया कि आरोपी दिनेश ने मंदिर में दर्शन करने के बहाने पहले रैकी की। इसके बाद अपने साथियों के साथ बस द्वारा सादड़ी पहुंचा और पैदल मुण्डारा जाकर जंगल में छिप गया। रात होते ही पीछे के रास्ते से मंदिर में घुसकर दानपेटी तोड़ी और नकदी लेकर फरार हो गया।
गिरफ्तारी के बाद पुलिस को उम्मीद है कि जिले भर में हुई अन्य चोरी की वारदातों का भी जल्द खुलासा होगा।
कार्रवाई में जुटी पुलिस टीम
- हनवंत सिंह — थानाधिकारी, सादड़ी
- भगवानसिंह — सहायक उपनिरीक्षक
- गौतम आचार्य — साइबर सेल, पाली
- अमर चन्द, अरविन्द, सोनाराम, मूलाराम, चुनाराम, कैलाश — कांस्टेबल, सादड़ी
- संतराम — कांस्टेबल, वृत कार्यालय बाली (विशेष भूमिका)
- सुरेन्द्र कुमार — कांस्टेबल, सादड़ी
- शैलेन्द्र — साइबर सेल, पाली
- इन्द्रसिंह — चालक, पुलिस लाइन पाली
सादड़ी पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई मादक पदार्थों और मंदिरों की चोरी जैसे अपराधों के खिलाफ एक मजबूत संदेश है। तकनीकी जांच, सूझबूझ और टीमवर्क के जरिए एक बड़ी चोरी की गुत्थी सुलझाई गई है। आने वाले दिनों में इस गिरोह से जुड़े और भी अपराध उजागर होने की पूरी संभावना है।