मुंबई में 525 आराधकों द्वारा सामूहिक वर्षीतप पारणोत्सव का आयोजन – अक्षय तृतीया पर होगा ऐतिहासिक पारणा

मुंबई, कांदिवली | जैन समाज की तपश्चर्या परंपरा को नई ऊँचाइयों पर ले जाते हुए, कांदिवली (पूर्व) स्थित श्री शांतिनाथ झालावाड़ जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ, दामोदरवाड़ी में इन दिनों 525 तपस्वियों द्वारा सामूहिक वर्षीतप आराधना अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हो रही है। यह ऐतिहासिक आयोजन 30 अप्रैल 2025, वैशाख सुद 3, अक्षय तृतीया के पुण्य अवसर पर पारण के साथ संपन्न होगा।
इस आध्यात्मिक आयोजन का शुभारंभ परम पूज्य गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री राजेन्द्रसूरीश्वर महाराज साहेब की असीम कृपा, पूज्य आचार्य भगवंत श्री मुक्ति वल्लभ विजयजी महाराज साहेब के आशीर्वाद एवं पूज्य पन्यास प्रवर श्री वीतराग वल्लभ विजयजी महाराज साहेब की प्रेरणा से हुआ।
तप आराधना की प्रमुख विशेषताएं:
वर्षीतप की इस साधना में तपस्वियों द्वारा अनेक कठिन व संयममयी तपों का पालन किया जा रहा है, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- अंठम तप, छठ तप, आयंबिल तप
- सिद्धीतप, चौंसठ प्रहरी पोषध, अंठाई उपधान तप
- 7 और 9 द्रव्यों से बियासणा तप
इन तपों के माध्यम से आराधक आत्मशुद्धि, संयम और परमार्थ की ओर अग्रसर हैं।
पारण समारोह का विवरण:
तिथि: 30 अप्रैल 2025 (बुधवार)
समय: प्रातः 8:30 बजे
स्थान: सप्ताह मैदान, दहाणुकरवाड़ी, कांदिवली (पश्चिम)
पारण से पूर्व प्रातःकाल भगवान आदीनाथ का ईक्षुरस से भव्य अभिषेक संपन्न होगा। तत्पश्चात 525 तपस्वियों का सामूहिक पारणा होगा, जिसे ऐतिहासिक बनाने के लिए संघ के ट्रस्टीगण, कार्यकर्ता व समाजजन पूरी निष्ठा व समर्पण से कार्य कर रहे हैं।
आयोजन से जुड़े सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रम:
26 अप्रैल 2025 (शनिवार):
- मेंहदी और सांझी कार्यक्रम – संगीतकार मंथन शाह के निर्देशन में।
27 अप्रैल 2025 (रविवार):
- प्रातः 6:30 बजे: कांदिवली पूर्व व पश्चिम से तपस्वियों की भव्य शाही वरघोड़ा (शोभायात्रा) निकाली जाएगी।
- रात्रि 7:00 बजे: भक्ति संध्या – प्रस्तुतकर्ता मनन संधवी
28 अप्रैल 2025 (सोमवार):
- सामूहिक पूजन – संगीतकार जय शाह की संगीत प्रस्तुति के साथ
- रात्रि 7:30 बजे: “अनहद भक्ति” कार्यक्रम – शब्द संकलन: उविलभाई वखारिया एवं पियुषभाई शाह
29 अप्रैल 2025 (मंगलवार):
- प्रातः 8:30 बजे: ऋण स्वीकार समारोह – संचालन: नीरवभाई शाह एवं पारस गड़ा
- दोपहर 2:30 बजे: चंदन विलेपन – संगीतकार कैवन शाह के निर्देशन में
- रात्रि 7:30 बजे: “रिषभ नो वारसी” कार्यक्रम – संचालन: सजयभाई वखारिया एवं देवनाशभाई
आयोजन का महत्व:
इस सामूहिक तप आराधना ने संपूर्ण जैन समाज में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। तपस्वियों की साधना, समाज के प्रति जागरूकता और धार्मिक वातावरण ने सभी श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक रूप से प्रेरित किया है। वर्षीतप जैसी कठिन साधना को सामूहिक रूप में संपन्न करना, एक अद्वितीय प्रेरणा का स्त्रोत है। संघ द्वारा आयोजित यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक एकता, त्याग और सेवा की मिसाल भी प्रस्तुत करता है। यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक प्रेरक उदाहरण बनेगा।