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शिक्षा को व्यवसाय नहीं, सेवा बनाएं – निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ पत्रकारों और अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

कानपुर। बढ़ती स्कूल फीस, ड्रेस और किताबों के खर्च से परेशान अभिभावकों की पीड़ा को लेकर आज नेशनल मीडिया प्रेस क्लब के बैनर तले शहर के पत्रकारों और अधिवक्ताओं ने संयुक्त रूप से जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने शिक्षा व्यवस्था में एक समान मानक लागू करने की पुरजोर मांग की।

ज्ञापन में विशेष रूप से निजी विद्यालयों की मनमानी पर रोक लगाने, फीस वृद्धि, ड्रेस और कॉपी-किताबों के अनावश्यक खर्च पर नियंत्रण हेतु सरकार से हस्तक्षेप की मांग की गई। वक्ताओं ने कहा कि आज शिक्षा व्यापार बन चुकी है और इसकी लागत इतनी बढ़ गई है कि मध्यमवर्गीय और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का सपना दिन-ब-दिन दूर होता जा रहा है।

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नेशनल मीडिया प्रेस क्लब की अगुवाई में उठी आवाज
इस पहल की अगुवाई नेशनल मीडिया प्रेस क्लब के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट पंडित रविन्द्र शर्मा (पूर्व अध्यक्ष, दि लॉयर्स एसोसिएशन कानपुर) और प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट अरविंद दीक्षित (पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष, कानपुर बार एसोसिएशन) ने की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक शिक्षा के क्षेत्र में एक समान मानक लागू नहीं होगा, तब तक गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के मेधावी बच्चों के लिए आगे बढ़ना कठिन होता जाएगा।

उन्होंने यह भी मांग की कि शिक्षा को सेवाभाव से जोड़ा जाए, न कि मुनाफे के उद्देश्य से चलाया जाए। अगर शिक्षा केवल व्यापार बन गई तो समाज में विषमता और बढ़ेगी।

शिक्षा सभी का अधिकार – व्यवसाय नहीं
नेशनल मीडिया प्रेस क्लब के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह ने कहा, “शिक्षा प्रत्येक नागरिक का जन्मसिद्ध अधिकार है, लेकिन वर्तमान में यह व्यवस्था एक ऐसा व्यवसाय बन गई है जो आम अभिभावकों के लिए अभिशाप बनती जा रही है। सरकार को चाहिए कि वह इस दिशा में गंभीरता से कदम उठाए और शिक्षा को पुनः सेवा का माध्यम बनाए।”

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पत्रकार को धमकी देने वाले पर सख्त कार्रवाई की मांग
इसके साथ ही कार्यक्रम के दौरान पब्लिक स्टेटमेंट के संपादक दिग्विजय सिंह को खबर प्रकाशन के बाद जान से मारने की धमकी देने के मामले में भी सभी पत्रकार और अधिवक्ता कानपुर पुलिस कमिश्नर से मिले और आरोपी होटल संचालक के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की। पुलिस कमिश्नर ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे:
इस महत्वपूर्ण ज्ञापन सौंपने के कार्यक्रम में अनेक गणमान्य पत्रकार और अधिवक्ता शामिल रहे, जिनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:

धर्मेन्द्र सिंह (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, नेशनल मीडिया प्रेस क्लब), एडवोकेट पंडित रविन्द्र शर्मा (प्रदेश अध्यक्ष), एडवोकेट अरविंद दीक्षित (प्रदेश प्रवक्ता), डॉ. बलबीर कपाड़िया (प्रदेश कोषाध्यक्ष), कृष्णा शर्मा (प्रदेश मंत्री), एडवोकेट अवधेश सिंह तोमर (मंडल अध्यक्ष), एडवोकेट प्रदीप कटियार (मंडल उपाध्यक्ष), दिग्विजय सिंह (मंडल अध्यक्ष), वीरेन्द्र शर्मा (मंडल महामंत्री), मोहम्मद जुनैद (मंडल उपाध्यक्ष), हामिद हुसैन (जिला उपाध्यक्ष), एस.पी. सिंह (जिला महामंत्री), विनोद सिंह तोमर (लखनऊ मंडल अध्यक्ष), विष्णु ठाकुर (जिला संगठन मंत्री), आमिर हुसैन (जिला मीडिया प्रभारी), बबिता वर्मा (जिला प्रचार मंत्री), विजय श्रीवास्तव (जिला सचिव), एडवोकेट प्रशांत मिश्रा, मोहम्मद शफीक, देवेंद्र वर्मा, शिवम गंगवार, मोहम्मद शाहिद, मोहम्मद कादिर, राजीव कपूर, राकेश साहू, राकेश सिद्धार्थ सहित कई अन्य पत्रकार और अधिवक्ता मौजूद रहे।

इस आंदोलन के माध्यम से यह स्पष्ट संकेत दिया गया है कि अब समाज शिक्षा के व्यवसायीकरण को लेकर चुप नहीं बैठेगा। अगर सरकार ने समय रहते इस विषय को गंभीरता से नहीं लिया, तो यह जनआंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है।

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