श्रावण के पावन सोमवार को सादड़ी से रवाना हुई कावड़ यात्रा, परशुराम महादेव पर किया जलाभिषेक

सादड़ी (पाली)। श्रावण मास के द्वितीय सोमवार को सादड़ी की पावन धरा एक बार फिर भगवान शिव के जयकारों से गूंज उठी। भक्ति, आस्था और उल्लास से परिपूर्ण कावड़ यात्रा का भव्य आयोजन सादड़ी नगर में किया गया, जिसमें भक्तों ने गोकुलवाव से जल लेकर अरावली की पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित जन-जन की आस्था के केंद्र बाबा परशुराम महादेव मंदिर तक पदयात्रा की और वहाँ पहुंचकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की।
गोकुलवाव से हुआ कावड़ यात्रा का शुभारंभ
यात्रा का शुभारंभ प्रातः 6:00 बजे सादड़ी के ऐतिहासिक गोकुल वाव से हुआ, जहाँ श्रद्धालुओं ने भेरूनाथ मंदिर एवं प्राचीन बावड़ी के जल का विधिवत पूजन किया। तत्पश्चात पुजारी शंकर महाराज द्वारा विधिपूर्वक कावड़ियों को तिलक कर माला पहनाई गई और भगवा ध्वज के साथ यात्रा को रवाना किया गया।
संगीत, भक्ति और सेवा भाव से नहाई यात्रा
कावड़ यात्रा गोकुलवाव, नाईवाड़ा, ब्रज का भाटा, आखरिया चौक होते हुए उदावत धाम (परशुराम महादेव) तक पहुंची। यात्रा के दौरान कावड़िए ढोल-ताशों की मधुर धुन पर झूमते हुए, भजनों का गायन करते हुए और “बोल बम” व “हर हर महादेव” के जयकारों से वातावरण को शिवमय बना रहे थे।
जलाभिषेक कर की देश, समाज और परिवार की मंगल कामना
परशुराम महादेव पहुँचकर सभी भक्तों ने श्रद्धा एवं भक्ति से भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। पूजा-अर्चना कर उन्होंने देश, समाज और अपने परिवार की सुख-समृद्धि और शांति की मंगल कामनाएं की।
सेवा भाव से स्वागत
यात्रा मार्ग में जगह-जगह स्थानीय लोगों एवं समाजसेवियों द्वारा भक्तों का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। राजपुरा से आगे शरबत, फलाहार, जलपान आदि की विशेष व्यवस्थाएं की गईं, जिससे श्रद्धालुओं का उत्साह और श्रद्धा दोनों ही दोगुनी हो गई। आयोजकों ने यह सुनिश्चित किया कि सभी कावड़ियों को भरपूर सहयोग और सुविधा मिल सके।
भक्तों की श्रद्धापूर्ण सहभागिता
इस पावन कावड़ यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रमुख रूप से उपस्थित श्रद्धालुओं में महेंद्र राठौड़, मोतीलाल बोराणा, गणेश रिंडर, रमेश प्रजापत, गोपाल प्रजापत, प्रवीण कवाड़िया, जयेश सेन, सोहन कवाड़िया, परमेश्वर, प्रकाश चौधरी, दिलीप, जीतू भाटी, लक्ष्मण मादा, मोटाराम घांची, हिम्मत घांची, महेश प्रजापत, नरेश सोलंकी, विक्रम प्रजापत, जीतू सिंह बाली, राज सेन, भावेश प्रजापत, किशोर बोराणा, दीपक राव, सुरेश माली और ललित रिंडर सहित अनेक भक्तों ने अपनी उपस्थिति से यात्रा को भक्ति और उत्साह से परिपूर्ण कर दिया।
आयोजन समिति का योगदान
इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में महेंद्र राठौड़ एवं मोटाराम घांची सहित आयोजन समिति के सभी सदस्यों ने सक्रिय भूमिका निभाई। समिति द्वारा सभी व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित रूप से संपन्न किया गया जिससे यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो।
श्रावण मास में शिवभक्ति का जागृत उत्सव
श्रावण मास में आयोजित यह कावड़ यात्रा न केवल भक्ति भाव की मिसाल रही, बल्कि सामाजिक समरसता और सहयोग का प्रतीक भी बनी। इस आयोजन ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि गोड़वाड़ की पावन धरती पर भक्ति, श्रद्धा और सेवा भाव की परंपरा आज भी जीवित और जाग्रत है।