संत श्री डोवेश्वर महाराज समाधि स्थल पर संघर्ष समिति की बैठक

बालराई गांव स्थित संत श्री डोवेश्वर महाराज समाधि स्थल पर विवाह में माता-पिता की सहमति अधिकार संघर्ष समिति पाली जिले की प्रथम बैठक मंगलवार को विचार-विमर्श और सर्वसम्मति से आयोजित हुई। बैठक में 36 कौमों के प्रमुख प्रतिनिधि गांव-ढाणी के बुजुर्ग युवा तथा समिति सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे
बैठक का मुख्य उद्देश्य समाज में बिना अभिभावकीय सहमति के हो रहे विवाहों से बढ़ती समस्याओं, पारिवारिक तनाव आपसी विवाद तथा सामाजिक असंतुलन पर चिंतन करना रहा समिति के जिलाध्यक्ष रतनसिंह गिरवर और गौ-रक्षा कमांडो शैतानसिंह वरकाणा ने बताया कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जल्दबाजी में लिए जा रहे निर्णय तथा घर से भागकर होने वाली शादियों ने पूरे समाज के लिए गहरी चिंता पैदा कर दी है इसलिए विवाह कानून में आवश्यक संशोधन कर माता-पिता की भूमिका को अनिवार्य बनाना समय की मांग है
बैठक में संघर्ष समिति की विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की गई जिसमें सर्वसमाज की कार्यकारिणी का गठन गांव और ढाणी स्तर पर सहमति अभियान चलाने युवा मार्गदर्शन के लिए परामर्श शिविर आयोजित करने तथा जागरूकता कार्यक्रमों का संचालन करने सहित कई प्रस्ताव शामिल रहे वक्ताओं ने जोर दिया कि माता-पिता जीवन के सबसे विश्वसनीय सलाहकार होते हैं इसलिए विवाह जैसे महत्वपूर्ण निर्णय में उनकी सहमति को कानूनी रूप से आवश्यक किया जाना चाहिए
समिति सदस्यों और वक्ताओं ने सरकार से मांग की कि बिना अभिभावकीय सहमति होने वाले विवाह न केवल पारिवारिक टूटन का कारण बन रहे हैं बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी प्रभावित कर रहे हैं ऐसे में इस संबंध में कानून को कठोर बनाकर अभिभावकों की सहमति को अनिवार्य किया जाए साथ ही चेतावनी दी गई कि यदि सरकार इस “काले प्रावधान” को रोकने तथा आवश्यक संशोधन करने में गंभीर पहल नहीं करती है तो इस मुद्दे को जनप्रतिनिधियों के माध्यम से विधानसभा और लोकसभा सदन में मजबूती से उठाया जाएगा
इस दौरान रतनसिंह गिरवर लहर कंवर इंदरा मेडतियान सुमेरसिंह मनवार करणसिंह चाणौद पोमाराम देवासी नगराज चौधरी गिरधारीलाल मीणा वीराराम देवासी सहित अनेक वक्ताओं ने अपने विचार रखे
बैठक में ही 36 कौमों की सर्वसम्मति से पाली जिले की समिति का गठन किया गया जिसमें रतनसिंह गिरवर को जिलाध्यक्ष तथा लहर कंवर को महिला जिलाध्यक्ष मनोनीत किया गया पांच दिनों में जिले की सभी 36 कौमों को जोड़कर पूर्ण कमेटी गठन का दायित्व सौंपा गया बैठक में बड़ी संख्या में ग्रामीण व सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे












