सरस्वती विद्या मंदिर सादड़ी में 76वां गणतंत्र दिवस कार्यक्रम धूमधाम से संपन्न

मुख्य अतिथि द्वारा ध्वजारोहण
गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम सरस्वती विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय, सादड़ी में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः 8:30 बजे ध्वजारोहण के साथ हुआ, जिसे मुख्य अतिथि मुकेश सिंह राजपुरोहित सोनाणा (पूर्व अध्यक्ष, खेतलाजी ट्रस्ट) द्वारा संपन्न किया गया। उनके साथ जिला प्रतिनिधि श्री दिनेश त्रिवेदी, श्रीमती सविता देवड़ा, संतोष माली, और अमित सक्सेना विशेष रूप से उपस्थित रहे।
दीप प्रज्वलन और अतिथियों का स्वागत
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती और भारत माता के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ। विद्यालय के प्रधानाचार्य मनोहर लाल सोलंकी ने अतिथियों का औपचारिक स्वागत किया। मुख्य अतिथि का शाफा एवं दुपट्टा पहनाकर सम्मान किया गया, साथ ही स्मृति चिह्न भेंट किए गए।
विद्यालय प्रतिवेदन और प्रेरणादायक प्रस्तुतियां
विद्यालय के आचार्य भेराराम परिहार ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। मार्गदर्शक मांगीलाल लुनिया के नेतृत्व में भैया-बहनों ने योग और आसनों का प्रदर्शन किया, जिससे स्वस्थ जीवन का संदेश दिया गया। आचार्य अरुणा द्वारा तैयार गणपति वंदना और विद्या परिहार के निर्देशन में प्रस्तुत सामूहिक नृत्य ‘सरस्वती वंदना’ ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सम्मान और प्रेरणादायक भाषण
मुख्य अतिथि मुकेश सिंह राजपुरोहित ने समर्पण निधि और शैक्षणिक योगदान के लिए आचार्य मांगीलाल लुनिया, इंदिरा प्रजापत, अरुण पवार, राकेश बावल, और दुदाराम वर्मा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने अपने संबोधन में शिक्षा और धर्म रक्षा का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल सरकारी नौकरी तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि समाज, परिवार और राष्ट्र हित के लिए होनी चाहिए।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
कार्यक्रम में एंजेल, परिन त्रिवेदी, दिव्य माली, और विहान ने सुंदर कविताएं प्रस्तुत कीं। राष्ट्रभक्ति और सांस्कृतिक गीतों जैसे ‘भारत हमारी मां है’, ‘राम स्तुति’, और ‘नारी की महिमा’ से विद्यालय गूंज उठा। भैया-बहनों ने पथ संचलन और घोष प्रदर्शन किया, जिसका मार्गदर्शन प्रकाश कुमार चौहान ने किया।
नाटक और अन्य प्रस्तुतियां
कार्यक्रम में संस्कृत शिक्षावली, वृद्धाश्रम पर आधारित नाटक और अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां चर्चा का विषय रहीं। ‘भारत हमारी मां है’ गीत की धुन पर भारत माता के चरणों में पुष्प अर्पित किए गए।
कार्यक्रम के समापन और आयोजन में योगदान
प्रधानाचार्य मनोहर लाल सोलंकी ने उपेक्षित जन शिक्षा निधि का मुद्दा उपस्थित अभिभावकों के समक्ष रखा। कार्यक्रम के सफल आयोजन में मांगीलाल चौधरी, भवानी राजपुरोहित, लक्षिता गोस्वामी, लोकेंद्र, तरुण जैन, सुरेश राठौड़, प्रवीण राठौर, भरत हिंगड़, देवाराम परमार, भुवनैश माधव सहित अनेक आचार्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
कार्यक्रम राष्ट्रभक्ति और सांस्कृतिक गरिमा का प्रतीक बनकर विद्यालय के इतिहास में यादगार बन गया।