सादड़ी में संस्कार, संगीत और वैदिक ऊर्जा से गूँजा प्रेरणादायी शनिवार

द्वीप प्रज्वलन, मंत्रोच्चारण और विद्यार्थियों की ज्ञानपूर्ण प्रस्तुतियों ने रचा यादगार माहौल
सादड़ी (पाली)। आज दिनांक 6 दिसम्बर 2025 को विद्यालय परिसर अध्यात्म, कला और संस्कृति के उत्साह से भर उठाया। शनिवार विशेष कार्यक्रम की शुरुआत पुखराज जी, मांगीलाल जी (मूठाना), तामिनी जी (गृहणी) और लता जी (गृहणी) द्वारा द्वीप प्रज्वलन कर की गई। प्रार्थना के पावन स्वर ने वातावरण को शांत, सकारात्मक और प्रेरणादायी बना दिया। कार्यक्रम का संचालन भैयाजी भुवनेश जी माधव ने अपनी शानदार और अनुशासित शैली में किया।
विद्यार्थियों की प्रमुख प्रस्तुतियाँ
- भैया देव बोहरा — धार्मिक गीत (कक्षा: नवमी – केशव)
देव ने भावपूर्ण धार्मिक गीत प्रस्तुत किया, जिसकी ताल, स्वर और भक्ति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
- भैया जसवंत — वैदिक मंत्रोच्चारण (कक्षा: नवमी – केशव)
जसवंत ने वैदिक मंत्रों का अत्यंत शुद्ध, गहरे व स्पष्ट उच्चारण किया, जिसने सभी को वैदिक परंपरा का दिव्य अनुभव कराया।
- भैया महिपाल एवं भैया प्रेम — भजन प्रस्तुति (कक्षा: तृतीया – केशव)
दोनों छात्रों ने मधुर भजन प्रस्तुत कर कार्यक्रम के वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
- भैया पुष्पराज — धार्मिक गीत (कक्षा: नवमी – केशव)
पुष्पराज ने प्रभावशाली स्वर में धार्मिक गीत गाकर सबका मन जीत लिया।
- भैया साहिल — अंग्रेज़ी सुविचार (कक्षा: नवमी – केशव)
आज का सुविचार: “One Good Idea Can Change Your Own Life.” साहिल ने इसे आत्मविश्वास और स्पष्टता के साथ प्रस्तुत किया।
- बहिन अरुणा — शिव तांडव स्तोत्रम् (कक्षा: नवमी – निवेदिता)
अरुणा की शिव तांडव स्तोत्रम् प्रस्तुति लय, ताल और शुद्ध उच्चारण के कारण कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बनी।
- बहिन कृष्णा — धार्मिक गीत:
कृष्णा ने मधुर और शांतिदायक धार्मिक गीत प्रस्तुत कर दर्शकों को भक्ति भाव से भर दिया।
- बहिनों की दो अलग-अलग धार्मिक प्रस्तुतियाँ (कक्षा: नवमी – केशव):
अंत में दो बहिनों ने अलग-अलग धार्मिक गीत प्रस्तुत किए, जिनकी मधुरता और भावनात्मक स्वर ने कार्यक्रम को सुंदर और संतुलित समापन दिया।
आज का शनिवार कार्यक्रम विद्यार्थियों की कला, संस्कार और आत्मविश्वास का उत्कृष्ट उदाहरण रहा।
अतिथियों ने विद्यार्थियों के नैतिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक विकास की सराहना करते हुए कहा कि
“ऐसे कार्यक्रम बच्चों के व्यक्तित्व और मूल्य-बोध को मजबूत बनाते हैं।”
सादड़ी में आज का दिन—भक्ति, ऊर्जा और प्रेरणा की मिसाल बन गया।











