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सादड़ी: सरस्वती विद्या मंदिर माध्यमिक में 77वा स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम

गोडवाड़ की आवाज

विद्या भारती के विद्यालय सरस्वती विद्या मंदिर माध्यमिक सादड़ी में 77 स्वतंत्रता दिवस बड़े ही समारोह पूर्वक और  उत्साह से मनाया गया. समारोह के मुख्य अतिथि रुपाराम गहलोत ने ध्वजारोहण कर परेड को सलामी दी. जीवाराम चौधरी, नारायण लाल लोहार व्यवस्थापक, प्रभु दास बैरागी कोषाध्यक्ष ने भारत माता के समक्ष दीप प्रज्वलित व पुष्प पूजन कर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया।

सरस्वती वंदना के बाद बहनों द्वारा नृत्य पगलिया री पायल बाजे तथा गोरा धोरा री धरती रो गीत पर नृत्य कर आकर्षक प्रस्तुतिया दी गई. भैया बसंत ने संस्कृत, बहन खुशबू ने अंग्रेजी भाषण, तमन्ना द्वारा हिंदी में प्रेरणात्मक भाषण देकर उपस्थित जनसमूह का मन आन्ददित कर मोह लिया। कार्यक्रम में अंग्रेजी में IF YOU HAPPY AND गीत, बहनों ने आत्म रक्षार्थ यष्टि से युद्व कौशल का प्रदर्शन, योग के साथ पिरामिड तथा संगीत के साथ योगचाप के ताल का विशेष प्रयोग तालमंडल और राधा कृष्ण की रासलीला नृत्य सर्वाधिक आकर्षण रहा.  बहिन लारा उपाध्याय द्वारा मै केशव का पाञ्चजन्य  दिव्या माली द्वारा ध्वस्त करो दुश्मन के सपने तथा बहिन अंजली भाटी द्वारा जोशीली कविताएं सुनाकर जनमन की सोई शक्ति और भारत भक्ति जगा दी.

राष्ट्रभक्ति करणीयमनव रचना साकार करे गीतो तथा पर्यावरण संरक्षण, पेड़ बचाओ, एक पेड़ देश के नाम, एक घर एक पेड़ की प्रेरणा से करतल ध्वनिया गूंज उठी.

समारोह में शासकीय आदेश अनुसार आचार्य भेराराम ने भारत का संविधान उद्देसिका व उमराव कंवर ने मौलिक कर्तव्य का वासन किया। तथा संस्था प्रधान मनोहर लाल सोलंकी ने भारत भक्ति तथा संविधान में विश्वास एवं श्रद्धा रखकर नागरिक कर्तव्यों का निर्वहन करने का आह्वान किया।

व्यवस्थापक नारायण लाल लोहार ने अध्यक्षीय भाषण व प्रभु दास बैरागी ने आभार व्यक्त किया। राष्ट्रगान वंदे मातरम के साथ भारत माता पूजन के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ. कार्यक्रम में अभिभावक पुरुष और महिलाओं की लगभग 100 संख्या रही. कार्यक्रम का संचालन कक्षा पांचवी की बहन खुशबू व कन्या भारती की अध्यक्ष सारिका सुथार कक्षा दसवीं की बहन ने किया।

न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

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