सीखने के प्रतिफलों पर आधारित प्रयोगो द्वारा सीखने के अवसर देने में विज्ञान शिक्षक की सफलता-माली
सादड़ी। सीखने के प्रतिफलों पर आधारित प्रयोगों द्वारा बच्चों को सीखने के अवसर देने में ही विज्ञान शिक्षक की सफलता है। विज्ञान शिक्षक को पाठ्यपुस्तकों के अलावा स्थानीय स्रोतों से सामग्री जुटाकर विद्यार्थियों से गतिविधि आधारित शिक्षण कराना चाहिए ताकि सीखने के प्रतिफलो की प्राप्ति हो सके। उक्त उद्गार प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने स्थानीय श्री धनराज बदामिया राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय सादड़ी में चल रहे दो दिवसीय विज्ञान विषयाध्यापकों के प्रायोगिक कार्य आधारित प्रशिक्षण के समापन सत्र में व्यक्त किए।
माली ने कहा कि हमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020के आलोक में सीखने के प्रतिफलो पर बल देते हुए गतिविधि आधारित शिक्षण कराना चाहिए। संदर्भ व्यक्ति जीव विज्ञान व्याख्याता मोहन लाल जाट ने कहा कि विज्ञान को सहज सरल रुचिकर तरीकों से खेल खेल में पढ़ाने से बच्चों को विज्ञान पढ़ने में आनन्द आता है। विज्ञान से संबंधित बाल कहानियां, वैज्ञानिकों की जीवनी पढ़ने केलिए अपने विद्यार्थियों को प्रेरित करें। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बगड़ी नगर के उप प्रधानाचार्य मांगी लाल सीरवी ने कहा कि भारत को विश्वगुरु बनाने में विज्ञान शिक्षक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। सत्र में संभागी बाबूलाल चौहान, राकेश कुमार ने भी अनुभव कथन किया।
इस अवसर पर स्नेहलता गोस्वामी व विज्ञान शिक्षिका कविता कंवर समेत समस्त स्टाफ उपस्थित रहा। रमेश वछेटा ने व्यवस्था संभाली।इस प्रशिक्षण में पाली,बाली, रानी, सुमेरपुर, देसूरी ब्लाक के विज्ञान शिक्षकों ने भाग लिया।
उल्लेखनीय है कि इस दो दिवसीय प्रशिक्षण में संदर्भ व्यक्ति मोहनलाल जाट व मांगी लाल सीरवी ने कक्षा 6से 8की विज्ञान पाठ्यपुस्तक पर आधारित प्रयोग कराकर विज्ञान शिक्षकों की क्षमता का संवर्धन किया।