Newsमहाराष्ट्र

सेवा, समर्पण और मानवता का प्रतीक: दिलीप राठौड़ (बाली) का प्रेरणादायक कार्य

दिलीप राठौड़ का सेवा समर्पण बना समाज के लिए प्रेरणा स्रोत


विक्रम बी राठौड़
रिपोर्टर

विक्रम बी राठौड़, रिपोर्टर - बाली / मुंबई 
emailcallwebsite

दादर। मुंबई निवासी दिलीप राठौड़ ने समाजसेवा को जीवन का उद्देश्य बनाकर अनेक जनकल्याणकारी कार्यों की शुरुआत की है। कैंसर पीड़ितों की मदद से लेकर जीवदया और शिक्षा सेवा तक, वे लगातार निस्वार्थ भाव से सेवा कार्यों में जुटे हुए हैं। उनके कार्यों को देखकर समाज में सकारात्मक चेतना और सेवा भावना का विस्तार हो रहा है।

जीवदया के प्रति समर्पण

दिलीप राठौड़ द्वारा प्रतिदिन दादर स्थित कबूतरखाना में लगभग 50 गोनी दाना कबूतरों को खिलाया जाता है। यह कार्य लाभार्थी परिवारों के सहयोग से निरंतर चल रहा है। जीव मात्र के प्रति करुणा और संवेदना को दर्शाता यह प्रयास समाज में जीवदया के महत्व को उजागर करता है।

कैंसर पीड़ितों की सेवा

कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को समय-समय पर फल वितरण, मानसिक संबल और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति कर दिलीप राठौड़ एक मजबूत सहारा बनकर उभरे हैं। इन पीड़ितों की सेवा करते समय उनका समर्पण और करुणा स्पष्ट दिखाई देती है।

Whatsapp image 2025 04 11 at 7.15.41 am

  • सामाजिक सहायता के विविध कार्य
  • ठंड के मौसम में जरूरतमंदों को कंबल वितरण
  • बारिश के मौसम में छाता वितरण
  • निर्धन और श्रमिक परिवारों के बच्चों को स्कूल किट का वितरण
  • गरीबों के लिए भोजन की नियमित व्यवस्था, ताकि “कोई भूखा न सोए”

इन सभी कार्यों को दिलीप राठौड़ बिना किसी स्वार्थ के, निष्ठा और प्रेमभाव से संपन्न कर रहे हैं। वे समाज के उन व्यक्तियों में शामिल हैं, जो जरूरतमंदों की आवाज बनने का साहस रखते हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में योगदान

साधर्मी परिवारों के बच्चों को शिक्षित करने के लिए जरूरी सामग्री, स्टेशनरी और आर्थिक सहयोग प्रदान कर वे यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित न रह जाए।

समाज की अनुमोदना

भायंदर निवासी विक्रम राठौड़ और समाजसेवी हेमंत कोठारी ने दिलीप राठौड़ के कार्यों की खुले मन से अनुमोदना की। उनका कहना है कि ऐसे सेवा कार्यों को अंजाम देना जितना बाहर से सरल दिखता है, उतना ही भीतर से कठिन होता है। इसमें प्रेम, धैर्य, समय और निरंतर प्रयास की आवश्यकता होती है।

सेवा कार्यों में लगे ऐसे लोगों को न केवल सहयोग की आवश्यकता होती है, बल्कि समाज की भागीदारी भी जरूरी है। दिलीप राठौड़ की सोच और प्रयासों ने अनेक लोगों को प्रेरित किया है, और कई सहयोगी अब इस अभियान से जुड़ चुके हैं। आज के स्वार्थपूर्ण वातावरण में दिलीप राठौड़ जैसे व्यक्तित्व समाज के लिए एक प्रेरक उदाहरण हैं। उनके कार्य यह सिद्ध करते हैं कि सेवा भाव केवल दान नहीं, बल्कि समर्पण, संवेदना और समाज के प्रति उत्तरदायित्व का प्रतीक है।

दिलीप राठौड़ के द्वारा किए जा रहे यह सभी सेवा कार्य समाज को प्रेम, एकता और सहानुभूति से जोड़ते हैं। ऐसे प्रयासों की समाज में न केवल सराहना होनी चाहिए, बल्कि उनका साथ देकर इन्हें और व्यापक बनाना चाहिए।

न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

One Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
18:51