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स्कूलों में 50% से अधिक रिक्त पड़े विषयाध्यापकों के पद भरने व शिक्षक समानीकरण करने की मांग

शिक्षक संघ (सियाराम) की स्थाई समिति की जयपुर में हुई बैठक संपन्न


जयपुर। राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम) के जयपुर स्थित प्रांतीय कार्यालय में संरक्षक मंडल व स्थाई समिति के सदस्यों की मुख्य संरक्षक व प्रशासनिक अध्यक्ष सियाराम शर्मा के सानिध्य व प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र शर्मा की अध्यक्षता में बैठक हुई।यह जानकारी देते हुए संगठन के प्रदेश महामंत्री नवीन कुमार शर्मा ने बताया कि बैठक में संगठन पदाधिकारियों ने चर्चा की कि वर्तमान में राजस्थान सरकार के अधिकांश विद्यालयों में 50% से अधिक विषयध्यापकों के पद रिक्त पड़े हैं, उन रिक्त पदों को प्राथमिकता से भरने के बजाय शिक्षा मंत्री द्वारा बोर्ड की लिखित परीक्षा में 40% से कम अंक लाने वालों की सूचना मंगवाने एवं विद्यालयों का निरीक्षण कर शिक्षकों के पास से मोबाइल लेकर उन पर कार्यवाही करने का राजस्थान शिक्षक संघ (सियाराम) ने कड़ा विरोध किया है।

विद्यालयों में पड़े रिक्त पदों को भरने के लिए, आज सर्वाधिक आवश्यकता है स्टाफिंग पैटर्न के माध्यम से शिक्षक समानीकरण करने की। संगठन ने अति शीघ्र शिक्षक समानीकरण करने की मांग की, जिससे रिक्त पदों को कुछ हद तक भरा जा सके।शिक्षा विभाग में विगत दो-तीन वर्षों से विभिन्न पदों पर पदोन्नत होने वाले शिक्षकों के लिए यथावत कार्यग्रहण करने की व्यवस्था आरंभ की है, यथावत कार्यग्रहण के पश्चात लंबे समय तक पदोन्नत शिक्षक उच्च पद का वेतन प्राप्त करते हुए निम्न पद का दायित्व निर्वहन करते हैं, जिससे राज्य सरकार पर करोड़ों रुपए का अनावश्यक आर्थिक भार पड़ता है।एक ही पद पर लंबे समय तक दो व्यक्तियों के कार्य करने से प्रशासनिक व्यवस्था भी बिगड़ जाती है। यथावत कार्यग्रहण के लंबे समय बाद पदस्थापन देने से इच्छित स्थान पर पदोन्नति नहीं मिलने के कारण संबंधित शिक्षक पदोन्नति परित्याग भी नहीं कर पाते हैं।

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संगठन ने पदोन्नति पर यथावत कार्यग्रहण करने से एक ही पद पर दो व्यक्तियों के कार्यरत रहने से राज्य सरकार को होने वाले बड़े आर्थिक नुकसान को देखते हुए यथावत कार्य ग्रहण प्रक्रिया को पूर्णतया समाप्त करने की मांग की। संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष रामदयाल मीणा ने बताया कि वर्तमान में विद्यालयों में छात्रों व स्टाफ की ऑनलाइन उपस्थिति, राज सिम्स पोर्टल पर एमडीएम की एंट्री,प्रखर 2.0 , बीएलओ सहित कई कार्य कम्प्यूटर व लेपटॉप के अभाव में मोबाइल के द्वारा ही शिक्षकों द्वारा प्रतिदिन किए जा रहे हैं। शिक्षक विद्यालयों में मोबाइल का उपयोग निजी कार्य के लिए नहीं कर विद्यालय संबंधी विभिन्न कार्यों के लिए ही करता है, ऐसे में शिक्षा मंत्री द्वारा शिक्षकों के मोबाइल लेकर उन पर कार्यवाही करना दुर्भाग्यपूर्ण है। संगठन विद्यालयों में मोबाइल का उपयोग पूर्णतया बंद करने की मांग करता है।

साथ ही विद्यालय समय के पश्चात एवं राजकीय अवकाशों में उच्च अधिकारियों द्वारा विद्यालय से किसी भी प्रकार की सूचना मांगे जाने का भी संगठन ने विरोध किया है उप प्राचार्य, प्राचार्य और जिला शिक्षा अधिकारी के 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरने व सभी उच्च माध्यमिक विद्यालयों मे हिंदी और अंग्रेजी के पद स्वीकृत करने की मांग की गई।संभाग एवं जिला मुख्यालयों पर आए दिन होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में शिक्षकों की ड्यूटी केवल एक ही पारी में लगाए जाने की मांग की गई।संगठन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र शर्मा ने संगठनात्मक मुद्दों पर अपनी बात रखते हुए सभी का आभार व्यक्त किया।

न्यूज़ डेस्क

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