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स्वर्ग से गुंडागर्दी करने यहाँ आते हैं लोग…ऐसा हम नहीं कटरा पुलिस कह रही है

शाहजहांपुर एक ऐसा जिला है जहां मरने के बाद भी लोग स्वर्ग से गुंडागर्दी करने यहां आ आते हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि शाहजहांपुर पुलिस के इंस्पेक्टर का कारनामा बोल रहा है, यहां के इंस्पेक्टर ने अपनी रिपोर्ट में 2 साल पहले मृत व्यक्ति पर गुंडा एक्ट लगाकर बेहद खतरनाक गुंडा बताया है। इतना ही नहीं इस्पेक्टर ने नाबालिग किशोर को भी अपनी रिपोर्ट में गुंडा बना दिया। फिलहाल जिलाधिकारी ने मामले की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए एसपी से इंस्पेक्टर और एक हेड कांस्टेबल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

स्वर्ग से गुंडागर्दी करने
यह तस्वीर है कटरा थाना क्षेत्र के कंकरिया धर्मपुर के मोनू की। मोनू इस दुनिया में नहीं है। लेकिन पुलिस ने सारी सीमाएं लांघ मृत आदमी के खिलाफ गुंडा एक्ट में कार्यवाही कर दी। यह कारनामा कटरा थाना के तत्कालीन इंस्पेक्टर प्रवीण सोलंकी ने कर दिखाया है। प्रवीण सोलंकी ने अपनी रिपोर्ट में 2 साल पहले 21 जुलाई 2021 मर चुके मोनू को इलाके का सबसे बड़ा गुंडा बताया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मोनू गांव की महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करता है। और उसका गांव में आतंक है। इतना ही नहीं थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर प्रवीण सोलंकी ने इसी थाना क्षेत्र के पिपरी गांव के रहने वाले 14 साल के तस्लीम को भी अपनी रिपोर्ट में गुंडा बताया और दोनों के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई कर दी। पुलिस इंस्पेक्टर ने ये कार्यवाही 25 मार्च 2022 में की थी। लेकिन जब दोनों परिवारों ने जिलाधिकारी को मोनू का मृत्यु सर्टिफिकेट सौंपा और नाबालिक के जन्मतिथि का सर्टिफिकेट सौंपा तो जिलाधिकारी का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीर मानते हुए इसकी जांच एसपी सिटी से करवाई जिसमें इंस्पेक्टर प्रवीण सोलंकी दोषी पाए गए। मरे हुए व्यक्ति और नाबालिग को गुंडा बनाने वाले इंस्पेक्टर को उनके अधिकारी बचाने में लगे हुए हैं।

मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई ना होने पर परिजनों ने सीएम योगी से मिलकर कार्रवाई की मांग की है। परिवार वालों का कहना है कि पुलिस की इस कार्रवाई से उनके निजी भावनाओं को ठेस पहुंची है वहीं 14 साल के किशोर को गुंडा एक्ट में शामिल करने पर तस्लीम के परिवार वालों का कहना है कि गुंडा एक्ट की कार्रवाई से आहत होकर उनका बेटा एक बार आत्महत्या की कोशिश कर चुका है। बच्चे ने पढ़ाई छोड़ दी है क्योंकि उसका कहना है कि पुलिस ने उसे गुंडा एक्ट में निरुद्ध किया है। जिसके चलते उसके साथी ही उसका मजाक बनाते हैं। जिससे वह डिप्रेशन का शिकार हो गया है यह कारनामा उस पुलिस का है जो रस्सी का सांप बनाने में माहिर है। लेकिन एक इंस्पेक्टर ने स्वर्ग में रह रहे व्यक्ति को ही गुंडा बना दिया। इन सबके बावजूद आरोपी इंस्पेक्टर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। खास बात यह है कि पुलिस के अफसर इस मामले में अपने चहेते कोतवाल को बचाते हुए नजर आ रहे हैं।

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