Breaking NewsState News

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपना इंग्लैंड में गिरवी 100 टन सोना वापस भारत में लाया

मोदी सरकार द्वारा अर्थतंत्र को दी गई मजबूती और भारत को सोने की चिड़िया बनाने की दिशा में बेहतरीन कदम : शंकर ठक्कर

  • मुम्बई/नई दिल्ली

  • WhatsApp Image 2024 10 01 at 21.46.23

Lalit Dave
National Correspondent

Lalit Dave, Reporter And National Correspondent - Mumbai Maharashtra

Call

कॉन्फडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया बरसों पहले भारत का सोना तत्कालीन सरकार द्वारा इंग्लैंड में गिरवी रखा गया था जिससे मोदी सरकार द्वारा अर्थतंत्र को दी गई मजबूती के बलबूते पर वापस लाया गया है जिससे दुनिया में भारत की साख को नई गरिमा मिली है इसके लिए हम आदरणीय प्रधानमंत्री एवं आरबीआई आभार जताते है।


अब यह सोना इंग्लैंड की जगह भारत में रखा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों और भी सोना भारत वापस आने वाला है। अब यह सोना RBI के पास रखा गया है।

रिजर्व बैंक के पास वर्तमान में 822 टन सोना है। इसमें से 100.3 टन सोना भारत में रखा गया है जबकि 413.8 टन अभी विदेशों में रखा हुआ है। इसके अलावा 308 टन सोना भारत में नोट जारी करने के लिए रखा गया है।

WhatsApp Image 2024 06 02 at 12.47.03

रिजर्व बैंक ने बीते कुछ सालों में में विदेशों में सोने के बढ़ते भारतीय स्टॉक के चलते इसे अपने देश वापस लाने का निर्णय किया है। रिजर्व बैंक आगे और भी सोना विदेशों से मँगा कर देश रखेगी। बताया गया है कि रिजर्व बैंक दोबारा से 100 टन सोना देश को वापस ला सकती है।

परम्परागत रूप से विश्व के अधिकांश देश लंदन में ही अपना सोना रखते आए हैं। भारत भी अपना सोना अब तक लंदन में रखता था लेकिन अब उसने निर्णय लिया है कि अपने सोने की बड़ी मात्रा देश के अंदर ही रखेगा। रिजर्व बैंक जहाँ विदेशों से सोना लेकर आ रही है, वहीं वह लगातार नया सोना खरीद भी रही है।

रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 में 34.3 टन जबकि 2023-24 में 27.7 टन नया सोना खरीदा है। भारत का लगातार सोना खरीदना यह दिखाता है कि उसकी अर्थव्यवस्था मजबूत है और वह अपने वित्तीय सुरक्षा प्रबन्धन को मजबूत कर रहा है। रिजर्व बैंक विश्व के उन चुनिंदा बैंकों में से एक है जो सोना खरीद रहे हैं।

भारत का यह सोना वापस देश में लाने के लिए रिजर्व बैंक को विशेष इंतजाम भी करने पड़े थे। रिजर्व बैन ने इसके लिए विशेष विमान की व्यवस्था की थी। इसके अलावा इस पर केंद्र सरकार ने कस्टम ड्यूटी भी माफ़ कर दी थी। हालाँकि, रिजर्व बैंक को इस सोने को देश में लाने के बाद जीएसटी देनी पड़ी है।

सन 1991 में गिरवीं रखा गया था देश का सोना

जहाँ वर्तमान में रिजर्व बैंक विदेशों से अपना सोना वापस लाकर देश में रख रही है, वहीं लगभग 3 दशक पहले की कॉन्ग्रेस-तीसरे मोर्चे की सरकारों ने भारत का सोना गिरवीं रख दिया था। 1991 में अर्थव्यवस्था के कुप्रबन्धन की वजह से उपजे आर्थिक संकट के कारण भारत को अपना सोना विदेशों में भेज कर गिरवीं रखना पड़ा था।

WhatsApp Image 2024 06 02 at 12.47.03
gold

जुलाई, 1991 में कॉन्ग्रेस की नरसिंह राव वाली सरकार ने डॉलर जुटाने के लिए सोना विदेशी बैंकों के पास गिरवीं रखा था। जुलाई 1991 में नरसिंह राव सरकार ने 46.91 टन सोना इंग्लैंड की बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान के पास गिरवीं रखा था ताकि 400 मिलियन डॉलर जुटाए जा सकें। सोना गिरवीं रखे जाने से पहले भारत ने सोना बेचा भी था।

मई 1991 में भारत ने स्विट्ज़रलैंड की UBS बैंक को सोना बेचा था, इसके जरिए सरकार ने 200 मिलियन डॉलर जुटाए थे। बताया गया कि यह वह सोना था जो कि तस्करों से पकड़ा गया था और देश की बैकों के पास जमा था। रिपोर्ट बताती हैं कि इस दौरान 20 टन सोना बेचा गया था।

शंकर ठक्कर ने इस खबर को लेकर कहा है कि यह भारत के लिए बड़ा बदलाव है। उन्होंने कहा “जबकि किसी की निगाह इस पर नहीं गई थी, तब RBI ने अपने सोने के रिजर्व को वापस भारत में स्थानांतरित कर दिया है। अधिकांश देश अपना सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड के वॉल्ट्स में या ऐसे कुछ स्थानों पर रखते हैं (और इसके लिए फीस भी देते हैं)। भारत अब अपना अधिकांश सोना अपने पास रखेगा। यह एक आमूल चूल परिवर्तन है। इससे भारत को सोना रखने के लिए किसी प्रकार का खर्च भी नहीं उठाना पड़ेगा।

न्यूज़ डेस्क

🌟 "सच्ची ख़बरें, आपके अपने अंदाज़ में!" 🌟 "Luniya Times News" पर हर शब्द आपके समाज, आपकी संस्कृति और आपके सपनों से जुड़ा है। हम लाते हैं आपके लिए निष्पक्ष, निर्भीक और जनहित में बनी खबरें। यदि आपको हमारा प्रयास अच्छा लगे — 🙏 तो इसे साझा करें, समर्थन करें और हमारे मिशन का हिस्सा बनें। आपका सहयोग ही हमारी ताक़त है — तन, मन और धन से। 📢 "एक क्लिक से बदलें सोच, एक शेयर से फैलाएं सच!"

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button