जयपुर, रिपोर्ट - सविता/अभिषेक
मुख्य न्यायाधिपति एम.एम.श्रीवास्तव, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रेरणादायी सानिध्य एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के तत्वावधान में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वर्ष 2024 की चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत का शनिवार को राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर पीठ में तथा रविवार को जिला एवं मजिस्ट्रेट विचारण न्यायालयों,अधिकरणों,आयोगो,उपभोक्ता मंचों,राजस्व न्यायालयों आदि में आयोजित किया गया।
मुख्य न्यायाधिपति एवं मुख्य संरक्षक, रालसा मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव की प्रेरणा एवं न्यायाधीश एवं कार्यकारी अध्यक्ष, रालसा श्री पंकज भण्डारी के मार्गदर्शन में विधिक सेवा संस्थाओं द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश में अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए कुल 7,28,013 लम्बित प्रकरणों सहित कुल 40,62,824 प्रकरणों का लोक अदालत की भावना के जरिए राजीनामा निस्तारण किया गया, जिसमें कुल 11,75,64,52,534/- रुपये की राशि के अवॉर्ड पारित किये गये। राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ द्वारा 655 प्रकरणों का राजीनामे के माध्यम से निस्तारण किया गया।
वही सीकर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल राशि 55048623/- रूपए के अवार्ड पारित किए
राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीकर राजेन्द्र कुमार शर्मा के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सीकर के तत्वावधान में रविवार को तालुका विधिक सेवा समितियों रींगस, नीमकाथाना, दांतारामगढ़, श्रीमाधोपुर, फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़ तथा सीकर न्याय क्षेत्र के न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 17 वैचों का गठन कर सभी प्रकार के राजीनामा योग्य आपराधिक मामलें, सिविल प्रकृति के मामलें, पारिवारिक मामले, चैक अनादरण प्रकरण, बैंकों के ऋण वसूली मामलें, राजस्व से सबंधित मामले रखे गये.
प्री-लिटिगेशन बैंच में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सीकर शालिनी गोयल व न्यायालय में लम्बित एमएसीटी एवं पारिवारिक प्रकरणों की सुनवाई रेखा राठौड, न्यायाधीश एमएसीटी, सीकर, जिला एवं सत्र न्यायालय तथा अपर जिला एवं सेशन न्यायालयों में लम्बित मामलों की सुनवाई विरेन्द्र कुमार मीणा, न्यायाधीश अपर जिला एवं सेशन न्यायालय कम-4 सीकर, सीजेएम व एसीजेएम मामलों की सुनवाई सीमा चौहान, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम 01. सीकर एवं जेएम, जे.जे.बी. एन.आई. कोर्ट एवं ग्राम न्यायालय कुडली के मामलों की सुनवाई हिमांशु कुमावत, न्यायिक मजिस्ट्रेट, सीकर के द्वारा की गई। राष्ट्रीय लोक अदालत में सीकर न्याय क्षेत्र में लम्बित कुल 176996 प्रकरणो में से 138980 प्रकरणों का निस्तारण कर राशि 244859176/- रूपए के अवार्ड पारित किए गए तथा प्री-लिटिगेशन के कुल 56950 लंबित प्रकरणों में से 31129 प्रकरणों का निस्तारण राजीनामा द्वारा किया गया एवं राशि 52226028/- रूपए के अवार्ड पारित किये गये।
कार्यक्रम का शुभारंभ न्यायाधीश रेखा राठौड़, न्यायाधीश एमएसीटी न्यायालय, न्यायाधीश विरेन्द्र कुमार मीणा, न्यायाधीश एडीजे कम सं. 04. सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीकर शालिनी गोयल, हिमांशु कुमावत न्यायाधीश न्यायिक मजिस्ट्रेट, जिला बार संघ अध्यक्ष भागीरथमल जाखड़, बार संघ सचिव नरेश कुमार, प्रशिक्षित मध्यस्थ पुरूषोत्तम शर्मा एवं बृजेन्द्र सिंह रूलानियां, चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल ने मां सरस्वती के सामने दीप प्रज्जवलित कर किया। सचिव ने लोक अदालत का महत्व समझाते हुए राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिकाधिक प्रकरण के निस्तारण से समय, धन की बचत होने व आपसी सौहार्द बना रहने से प्रकरणों को निस्तारित करने की अपील की एवं अधिकाधिक मामले राजीनामे से निस्तारित करने की बात कही।
प्री-लिटिगेशन बैंच पर प्रो-बोनो सेवा के रूप में बैंच अध्यक्ष शालिनी गोयल सदस्यगण पैनल अधिवक्ता पुरुषोत्तम शर्मा एवं महेश कुमार पटेल डिप्टी लीगल एड डिफेंस काउंसिल ने अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बीएसएनएल एवं अन्य बैंक व वितीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं लिटिगेंट्स के मध्य समझाईश कर सैकडों प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
पारिवारिक न्यायालय के द्वारा निस्तारित 39 प्रकरण में से एक में दम्पत्ती लगभग 10 वर्षों से अलग रहे थे एवं आपसी झागडो के चलते तलाक लेने का निर्णय कर चुके थे। इसी प्रकार अन्य 03 प्रकरणों में भी पारिवारिक मतभेद के कारण दम्पत्ती बहुत लम्बे समय से अलग रह रहे थे एवं दम्पत्ती में मतभेद होने के कारण दम्पत्ती के बच्चों पर इसका विपरित प्रभाव पड रहे थे। परन्तु न्यायालय के प्रयासों एवं राष्ट्रीय लोक अदालत बैंच अध्यक्ष व सदस्यों की समझाइश द्वारा दम्पत्तियों में सुलह की गयी और न्यायाधीश रेखा राठीड एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, शालिनी गोयल तथा बैंच सदस्यों के प्रयास से राजीनामा करवाया गया।
दम्पत्ती द्वारा एक दूसरे को माला पहनायी गयी एवं बैंच सदस्यों द्वारा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गयी। इसी के साथ मोटर दुर्घटना एवं दावा अधिकरण के कुल 680 प्रकरणों में से 75 प्रकरण निस्तारित किए गए, जिनमें से एक प्रकरण 1989 में घटित दुर्घटना का था जिसमें इजराय प्रोसिडिंग अभी तक लंबित थी में अवार्ड पारित किया गया एवं कुल राशि 55048623/- रूपए के अवार्ड पारित किए गए।
सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सीकर शालिनी गोयल ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य पीडित व्यक्तियों तक न्याय पहुंचाना है। राष्ट्रीय लोक अदालत न्यायपालिका का पर्व है, राष्ट्रीय लोक अदालत में आने वाले पक्षकारों को संबंधित न्यायालय तक पहुंचने में सहायता करने के लिए हेल्पडेस्क की स्थापना भी की गई। लोक अदालत बैंच के अभूतपूर्व सहयोग से सीकर न्याय क्षेत्र के प्री लिटिगेशन एवं न्यायालयों में लम्बित हजारों प्रकरणों की सुनवाई की जाकर राजीनामें के माध्यम से प्रकरणों का निस्तारण किया गया। लोक अदालत में एवीवीएनएल विभाग सीकर, बीएसएनएल विभाग के प्रतिनिधि, अधिवक्तागण, बैंक प्रतिनिधि, पक्षकार एवं न्यायालय स्टाफ आदि उपस्थित रहे। लोक अदालत के माध्यम से शीघ्र एवं सुलभ न्याय उपलब्ध करवाना ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का ध्येय है।