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अंतरराष्ट्रीय बाजार में दूसरे तेलों के मुकाबले किफायती दाम के चलते मई महीने में भारत का पाम तेल का आयत 6 महीने के उच्चतम स्तर पर

Lalit Dave
National Correspondent

Lalit Dave, Reporter And National Correspondent - Mumbai Maharashtra

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मुंबई/ललित दवे.  अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री शंकर ठक्कर ने बताया पिछले कुछ महीनो में भारत का खाने के तेल का आयात गिरता जा रहा था उसमें भी खासकर सोयाबीन और सूरजमुखी के मुकाबले पाम तेल का आयात दाम ज्यादा होने से अधिक कम हुआ था। लेकिन मई महीने में परिस्थिति में बदलाव आया और भारत का पाम तेल आयात छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, क्योंकि लगातार आयात कम होने से पाइपलाइन पूरी तरह खाली थी और भंडार बहुत कम हो चुका था तथा प्रतिस्पर्धी सोया तेल और सूरजमुखी तेल की तुलना में पाम तेल की छूट ने रिफाइनरों को खरीद बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।

दुनिया में वनस्पति तेलों के सबसे बड़े खरीदार भारत द्वारा पाम तेल और सोया तेल के अधिक आयात से मलेशियाई पाम
ऑयल की कीमतों को समर्थन मिल सकता है। निर्यातको के अनुसार, मई में पाम ऑयल का आयात महीने-दर-महीने 87% बढ़कर 600,000 मीट्रिक टन हो गया, जो नवंबर 2024 के बाद से सबसे अधिक है। भारत ने अक्टूबर 2024 में समाप्त होने वाले विपणन वर्ष के दौरान हर महीने औसतन 750,000 टन से अधिक पाम ऑयल का आयात किया।

शंकर ठक्कर ने आगे कहा सोया तेल की तुलना में इसके प्रीमियम के कारण जनवरी से अप्रैल तक पाम तेल के आयात में भारी गिरावट आई, जिसके कारण भारत में स्टॉक का स्तर कम हो गया। पिछले महीने जब से पाम ऑयल की बिक्री छूट पर शुरू हुई है, भारतीय खरीदार पुनः पाम ऑयल की ओर लौट गए हैं।

1 मई तक भारत के वनस्पति तेल का स्टॉक घटकर 1.35 मिलियन टन रह गया, जो जुलाई 2020 के बाद सबसे कम है। मई में सोया तेल का आयात महीने-दर-महीने 10% बढ़कर 398,000 टन हो गया, जो जनवरी के बाद सबसे अधिक है। इस बीच, सूरजमुखी तेल का आयात 2% बढ़कर 184,000 मीट्रिक टन हो गया। अनुमान के अनुसार, पाम तेल और सोया तेल के अधिक आयात ने मई में भारत के कुल खाद्य तेल आयात को एक महीने पहले की तुलना में 37% बढ़ाकर 1.18 मिलियन टन कर दिया, जो दिसंबर के बाद सबसे अधिक है।

भारत ने खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी लाने और स्थानीय रिफाइनिंग उद्योग की मदद करने के लिए शुक्रवार को कच्चे खाद्य तेलों पर मूल आयात शुल्क को आधा करके 10% कर दिया। भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल खरीदता है, जबकि वह अर्जेंटीना, ब्राजील, रूस और यूक्रेन से सोया तेल और सूरजमुखी तेल का आयात करता है।

सरकार ने आयत शुल्क बढ़ाने के बाद से भारत में अधिकतर तेल नेपाल के रास्ते शुल्क मुक्त आयत हो रहा था जिसके चलते भी आयात पर असर दिख रहा था। नेपाल से खाद्य तेल आयात मई में 132,000 टन था, जो अप्रैल में 87,000 टन था

न्यूज़ डेस्क

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4 Comments

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