बनेड़ा पंचायत समिति में मंत्रालयिक कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

- बनेड़ा
पंचायतीराज मंत्रालयिक कर्मचारी संगठन राजस्थान के प्रदेश स्तर के आह्वान पर, संगठन की जिला शाखा भीलवाड़ा द्वारा पंचायत समिति बनेड़ा में एक ज्ञापन सौंपा गया। यह ज्ञापन ब्लॉक अध्यक्ष विजेंद्र सिंह खंगारोत के नेतृत्व में विकास अधिकारी धर्मपाल परसोया को मुख्यमंत्री, पंचायतीराज मंत्री, मुख्य सचिव तथा शासन सचिव के नाम सौंपा गया।
ब्लॉक अध्यक्ष खंगारोत ने बताया कि मंत्रालयिक संवर्ग के पदोन्नति पदों के संदर्भ में वित्त विभाग द्वारा निर्धारित 53:47 के अनुपात (47% कनिष्ठ सहायक एवं 53% पदोन्नति पद) के अनुसार पदों का सृजन होना चाहिए। हालांकि, पंचायतीराज विभाग में यह अनुपात 80:20 लागू किया जा रहा है, जो वित्त विभाग के नॉर्म्स के विरुद्ध है। इसके बावजूद विभागीय स्तर पर इस विसंगति को सुधारने के लिए कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा बजट घोषणा 2025 में मंत्रालयिक कर्मचारियों के कैडर रिव्यू हेतु प्रस्ताव बनाकर वित्त विभाग को भेजा गया था, जिसे विभाग ने बिना कारण वापस लौटा दिया। यह प्रस्ताव पिछले दो महीनों से लंबित पड़ा है।
संगठन ने यह भी आरोप लगाया कि वर्ष 2013 की कनिष्ठ लिपिक भर्ती के दस्तावेजों की बार-बार जांच के नाम पर संबंधित कर्मचारियों को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है, जबकि भर्ती प्रक्रिया तत्समय जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार संपन्न की गई थी।
साथ ही संगठन ने यह भी कहा कि प्रदेशाध्यक्ष व अन्य प्रतिनिधियों के विरुद्ध दमनात्मक कार्रवाई की जा रही है। यह सब ग्राम पंचायत स्तर पर मंत्रालयिक कर्मचारियों द्वारा कार्य विभाजन की मांग उठाने के कारण हो रहा है, जिससे ग्राम सेवक संघ असहज महसूस कर रहा है।
ज्ञापन में निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखी गईं:
- मंत्रालयिक संवर्ग का उचित कैडर रिव्यू किया जाए।
- ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों का स्पष्ट कार्य विभाजन सुनिश्चित किया जाए।
- वर्ष 2013 की कनिष्ठ लिपिक भर्ती के दस्तावेजों की जांच वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी से करवाई जाए।
इस अवसर पर जिला स्तर के कई मंत्रालयिक कर्मचारी मौजूद रहे, जिनमें ओमप्रकाश कुमावत, शकुंतला कांटिया, संतोष छींपा, महावीर गुर्जर, इस्लाम मोहम्मद, प्रहलाद राय सुथार, संदीप कुमार जोशी, माया जाट, दिनेश जीनगर, पप्पू नायक, रोशन बैरवा, विष्णु सेन, राकेश सेन आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।














