प्रवासी मजदूर की महाराष्ट्र में मौत — शव पहुंचते ही ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, मुआवज़े की मांग को लेकर घंटों तक सड़क जाम

टुंडी। टुंडी थाना क्षेत्र के लोधरिया गांव में शुक्रवार को उस समय आक्रोश फैल गया, जब महाराष्ट्र में काम करने गए प्रवासी मजदूर जगरनाथ बाउरी का शव गांव पहुंचा। शव देखते ही परिजनों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने गोविंदपुर–गिरिडीह मुख्य सड़क को जाम कर दिया। यह जाम कई घंटों तक जारी रहा, जिससे दोनों ओर लंबी वाहनों की कतारें लग गईं और आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया।
रोजगार की कमी बनी मजबूरी, बाहर जाकर गंवानी पड़ रही जान
परिजनों और ग्रामीणों ने बताया कि टुंडी और आसपास के क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बेहद सीमित हैं। इसी मजबूरी के कारण बड़ी संख्या में लोग दूसरे राज्यों में मजदूरी करने जाते हैं।
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जगरनाथ बाउरी भी इसी सिलसिले में कुछ समय पहले महाराष्ट्र गया था, जहां चार दिन पहले उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
ग्रामीणों ने कहा कि काम की तलाश में बाहर जाने वाले मजदूर अक्सर दुर्घटनाओं और असुरक्षित हालात का सामना करते हैं, जिससे उनकी जान जोखिम में रहती है। ऐसे हादसों के बाद परिवार आर्थिक संकट में डूब जाते हैं और बच्चों व परिजनों के लिए जीवनयापन मुश्किल हो जाता है।
मुआवज़े और सरकारी सहायता की मांग पर अड़े ग्रामीण
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध नहीं होने से वे मजबूरन पलायन करते हैं। इसलिए जगरनाथ के परिवार को उचित मुआवज़ा, आर्थिक सहायता और सरकारी योजनाओं का लाभ तत्काल दिया जाना चाहिए।
इसी मांग को लेकर ग्रामीणों ने सड़क जाम कर प्रशासन के खिलाफ नारेबाज़ी भी की।
प्रशासन मौके पर पहुंचा, वार्ता के बाद जाम समाप्त
घटना की सूचना पाकर टुंडी बीडीओ विशाल कुमार पांडेय, थाना प्रभारी उमाशंकर, और सांसद प्रतिनिधि सुभाष रवानी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने परिजनों से विस्तृत बातचीत की और उन्हें भरोसा दिलाया कि—
- परिवार को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ प्राथमिकता से दिया जाएगा।
- मुआवज़े की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
- प्रशासन हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगा।
- कड़ी मशक्कत और आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हुए और जाम समाप्त कर दिया गया।
गांव में शोक और आक्रोश का माहौल
जगरनाथ बाउरी के निधन से पूरे गांव में शोक के साथ-साथ प्रशासनिक उदासीनता को लेकर नाराज़गी भी देखी जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक स्थानीय स्तर पर रोजगार नहीं बढ़ेगा, तब तक ऐसी घटनाएं सामने आती रहेंगी और कई परिवार उजड़ते रहेंगे।















