चित्तौड़गढ़ जिले के रोलहेड़ा गांव में घर में सांप निकलने पर देव आगमन की प्रथा के दौरान हादसा

सांप डसता रहा, रील बनाता रहा नाबालिग, तबीयत बिगड़ी तो भोपे के पास ले गए, उदयपुर में हुई मौत
- विशेष रिपोर्ट सत्यनारायण सेन
चित्तौड़गढ़ जिले में सांप को लेकर रील बना रहे नाबालिग की मौत हो गई। किशोर के घर में कॉमन करैत सांप निकला था। इसके बाद वह उसे हाथ में लेकर रील बनाते हुए देव आगमन की प्रथा के तहत लोकदेवता के थान जा रहा था। इस दौरान सांप ने उसके हाथ में कई जगह डस लिया।
लोग डीजे बजाते हुए उसके साथ चल रहे थे। किशोर की तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे अस्पताल ले जाने की बजाय मंदिरों में ले गए। भोपे से इलाज करवाया, सुधार नही होने पर उदयपुर ले गए, जहां इलाज के दौरान नाबालिग ने दम तोड़ दिया।
घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें नाबालिग के हाथ में स्नेक बाइट साफ नजर आ रही है। खून भी निकल रहा है। मामला चित्तौड़गढ़ के रोलहेड़ा गांव का शुक्रवार का है। नाबालिग की शनिवार देर रात मौत हो गई।
ये है पूरा मामला :
जानकारी अनुसार रोलहेड़ा गांव निवासी लक्ष्मण जाट दूध का काम करते हैं। उनका बेटा मोहित 11वीं क्लास में पढ़ता था। शुक्रवार को उनके घर में सांप निकला। मोहित ने उसे पकड़ लिया और देव आगमन की प्रथा के साथ उसे देवता के थान ले जाने लगा। इस दौरान सांप ने उसके हाथ में कई जगह काट लिया। सांप के काटने के बाद मोहित की हालत धीरे-धीरे बिगड़ने लगी, लेकिन परिवार और आसपास के लोग उसे हॉस्पिटल ले जाने के बजाय अलग-अलग देव स्थानों पर ले जाते रहे। पहले रोलहेड़ा में भोपों से पूजा करवाई गई। जब वहां बात नहीं बनी तो बड़ोदिया में पूजा-पाठ किया गया। इस बीच शरीर में जहर फैलता गया। बाद में हालत ज्यादा खराब होने पर उसे चंदेरिया, फिर चित्तौड़गढ़ और आखिर में उदयपुर ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे वेंटिलेटर पर रखा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। शनिवार देर रात उसकी मौत हो गई। उदयपुर में ही पोस्टमॉर्टम हुआ और शव परिजनों को सौंप दिया गया।
गांवों में बढ़ रही देव आगमन की प्रथा
सोशल मीडिया के दौर में बड़ोदिया, रोलहेड़ा, चोगावड़ी और तालेड़ी जैसे इलाकों में एक नई प्रथा देव आगमन चल रही है। किसी के घर अगर सांप निकलता है तो उसे देवता का रूप मान लिया जाता है। इसके बाद कुछ युवा बिना किसी जानकारी या सुरक्षा के सांप को हाथ में पकड़ लेते हैं। जुलूस के रूप में देवताओं के थान या चबूतरे तक ले जाते हैं। रास्ते में डीजे बजता है, धूप-दीप होती है और लोग इसे देव आगमन मानकर नाचते-गाते चलते हैं। ऐसा ही मोहित के साथ भी हुआ।
रील बना रहे ग्रामीण युवा
लोगों ने कहा- ये सोशल मीडिया पर एक ट्रेंड बन चुका है। यहां के युवा सांपों की प्रजाति को जाने बिना उन्हें हाथ में ले लेते हैं और इसके वीडियो-फोटो सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं। व्यूज के चक्कर में ऐसा कर रहे हैं। जुलूस, डीजे और रील बनाने का सिलसिला चल पड़ा है।














