भीलवाड़ा न्यूज

अंगारों पर साधकों ने किया नृत्य, हजारों दर्शक हुए आश्चर्यचकित

  • भीलवाड़ा


मूलचंद पेसवानी
जिला संवाददाता

मूलचंद पेसवानी वरिष्ठ पत्रकार, जिला संवाददाता - शाहपुरा / भीलवाड़ा 
callwebsite

खटवाड़ा में महारुद्र यज्ञ एवं मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के तहत हुआ आयोजन


मांडलगढ़ उपखंड के खटवाड़ा गांव में रविवार रात को आयोजित महारुद्र यज्ञ एवं मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के अंतर्गत हुए अग्नि नृत्य ने हजारों दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया।साधकों ने धधकती आग और जलते अंगारों पर नृत्य किया, लेकिन किसी को तनिक भी क्षति नहीं हुई। यह दिव्य दृश्य देखने के लिए आसपास के गांवों से श्रद्धालु उमड़ पड़े।


पांच क्विंटल लकड़ी से बने अग्निकुंड पर नृत्य

इस अनूठे अग्नि नृत्य के लिए पांच क्विंटल लकड़ियां एकत्रित की गई थीं, जिनसे एक मंच बनाकर उसमें अग्नि प्रज्वलित की गई। साधकों ने जलते अंगारों पर बैठकर, चलते हुए, नृत्य करते हुए और आरती करते हुए अपनी भक्ति का प्रदर्शन किया। इस दौरान भजन-कीर्तन भी आयोजित किए गए, जो देर रात तक चले।

खटवाड़ा में रविवार रात हुए अग्नि नृत्य के दृश्य
खटवाड़ा में रविवार रात हुए अग्नि नृत्य के दृश्य

महायज्ञ एवं धार्मिक आयोजनों की श्रृंखला

इस आयोजन के तहत 15 जनवरी को भूमिपूजन एवं ध्वजारोहण हुआ था, जबकि 31 जनवरी को विनायक स्थापना और 4 फरवरी को जल कलश यात्रा के साथ अग्नि स्थापना की गई थी। इस दौरान शिव महापुराण कथा का आयोजन भी किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।


पूर्णाहुति के साथ मूर्ति प्रतिष्ठा संपन्न

सोमवार दोपहर वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य महायज्ञ की पूर्णाहुति की गई और मूर्ति प्रतिष्ठा संपन्न हुई। इस अवसर पर मांडलगढ़ विधायक गोपाल लाल खंडेलवाल, विधानसभा संयोजक अनिल पारीक, जिला परिषद सदस्य हरि लाल जाट, सज्जन सिंह बापना, गोवर्धन वैष्णव, सुशील उपाध्याय सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।


अग्नि नृत्य की ऐतिहासिक परंपरा

अग्नि नृत्य करने वाले साधक प्रहलाद नाथ सिद्ध ने बताया कि यह परंपरा विक्रम संवत 1539 से चली आ रही है। जसनाथ महाराज ने इस अग्नि नृत्य की शुरुआत की थी। उनके शिष्य रुस्तम महाराज ने मुगल शासक औरंगजेब के सामने अग्नि नृत्य कर सनातन धर्म की शक्ति का प्रमाण दिया था।


जब रुस्तम महाराज ने अंगारों पर दिखाई शक्ति

इतिहास के अनुसार, औरंगजेब ने सनातन धर्म की परीक्षा लेने के लिए दिल्ली में एक बड़ा खड्डा खुदवाकर उसमें जलते अंगारे बिछा दिए और रुस्तम महाराज को उस पर चलने की चुनौती दी। तब रुस्तम महाराज ने जसनाथ महाराज का ध्यान किया और “फतेह फतेह” का उद्घोष करते हुए अंगारों पर कूद पड़े। उन्हें कोई हानि नहीं हुई, बल्कि जब वे बाहर निकले तो उनके हाथ में तरबूज का फल था। औरंगजेब यह देखकर प्रभावित हुआ और सनातन धर्म की शक्ति को स्वीकार किया।


धार्मिक आयोजन में उमड़ा जनसैलाब

इस आयोजन में खटवाड़ा, जोजवा, बागीद, सिंगोली, बीगोद, रानी खेड़ा, महता जी का खेड़ा सहित कई गांवों से हजारों श्रद्धालु पहुंचे और इस अद्भुत अग्नि नृत्य को देखा। इस मौके पर विभिन्न धार्मिक झांकियां भी सजाई गईं, जिनमें श्रद्धालुओं की विशेष रुचि रही।

Khushal Luniya

Meet Khushal Luniya – Young Tech Enthusiast, Graphic Designer & Desk Editor at Luniya Times Khushal Luniya is a Brilliant young mind who has already Mastered HTML and CSS, and is Currently diving deep into JavaScript and Python. His passion for Computer Programming and Creative Design sets him apart. Alongside being a budding Graphic Designer, Khushal is making his mark

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
13:18