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बारा क्षेत्र में कृषि योग्य जमीनों पर किया जा रहा अवैध प्लाटिंग का धंधा जोरों पर राजस्व विभाग मौन

औने-पौने दामों में खरीद-फरोख्त कर करोड़ों कमा रहे जमीनी दलाल राजस्व विभाग को हो रहा भारी नुकसान

  • प्रयागराज


देवेश पाण्डेय

प्रयागराज कायदे कानून को ताक पर रखकर शंकरगढ़,लालापुर, बारा क्षेत्र के इर्द गिर्द कृषि योग्य जमीनों पर अवैध प्लाटिंग का धंधा इन दिनों चरम पर है।


इलाके में सक्रिय भू माफिया लोगों को पार्क ,सड़क, लाइट, नापदान, सामुदायिक केंद्र, हॉस्पिटल, खेल का मैदान आदि का सब्जबाग दिखाकर अवैध तरीके से प्लाट बेंच रहे हैं जिससे राजस्व को हानि, आर बी एक्ट 1958 का खुला उल्लघंन तथा पर्यावरण को नुक़सान हो रहा है।जानकार बताते हैं कि शंकरगढ़, बारा ,लालापुर के ग्रामीण इलाकों में अवैध तरीके से प्लाटिंग कर रहे कई लोगों द्वारा न तो नक्शा पास कराया जा रहा है, न ही बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।

इन क्षेत्रों के कपारी, शिवराजपुर, बेनीपुर, लखनपुर, लाला पुरवा, लोहगरा, रानीगंज, बारा, नीबीं , लखनपुर, कटरा, आम गोंदर, टकटई, सेन नगर, जोरवट, आदि इलाकों में कृषि योग्य जमीनों को टुकड़ों में काटकर प्लाटिंग की जा रही है। कई बार शिकायत के बावजूद प्रशासन ने अब तक इनके खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। इन इलाकों का शायद ही कोई ऐसा कोई कोना अछूता होगा, जहां खेतों में कालोनी और प्लाटिंग के नाम पर यह काला धंधा न हो रहा हो।

ये भू माफिया एक अदद संस्था का नाम रखकर धड़ल्ले से प्लाट काटते हैं। इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि कालोनी का विकास कब होगा। प्रशासन की तरफ से भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।इलाके में अवैध प्लाटिंग की वजह से हाइवे, स्टेट हाईवे और संपर्क मार्ग के किनारे मौजूद खेत भी तेजी से समाप्त होते जा रहे हैं। नियम के मुताबिक ले आउट बनाकर प्लाटिंग कराने से उसके लिए बंदिशें बढ़ जाती हैं। नक्शा पास कराने पर पार्क के लिए जगह छोड़ना अनिवार्य हो जाता है।

सड़कों की चौड़ाई भी प्रावधान के अनुसार रखनी पड़ती है। नाली, बिजली और पानी की व्यवस्था करके देनी होती है। यही नहीं सरकार को डेवलपमेंट चार्ज भी देना पड़ता है। इतना सब करने से प्लाटिंग कॉस्ट बढ़ जाती है। जिससे मुनाफे पर असर पड़ता है। इसी वजह से बगैर ले आउट दाखिल किए सारे कार्य किए जा रहे हैं।ग्रामीण इलाकों में कृषि योग्य जमीनों में अवैध प्लाटिंग कर लोगों को तथा सरकार को ठगने वाले इन भू माफियाओं पर कब कार्यवाई होती है ये वक्त ही बताएगा।

खरीद फरोख्त में बढ़ते दलाल तंत्र से सरकारी चकरोड, नाली ,कब्रिस्तान और तालाब ,दलित वर्ग की जमीनें में भी सुरक्षित नहीं रही। खुद को प्रॉपर्टी डीलर बता रहे घाघ किस्म के दलालों ने हर तरह की जमीनों पर कारोबार शुरू किया है। ऊसर बंजर तो निपट गए भरपूर अनाज पैदा करने वाले खेतों में भी अब बड़े पैमाने पर प्लाटिंग की जा रही है। उपजाऊ खेतों में हो रही प्लाटिंग से उपजाऊ जमीनों का क्षेत्रफल लगातार सिमटता जा रहा है।

Khushal Luniya

Meet Khushal Luniya – Young Tech Enthusiast, Graphic Designer & Desk Editor at Luniya Times Khushal Luniya is a Brilliant young mind who has already Mastered HTML and CSS, and is Currently diving deep into JavaScript and Python. His passion for Computer Programming and Creative Design sets him apart. Alongside being a budding Graphic Designer, Khushal is making his mark

2 Comments

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