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लगातार बढ़ रही ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए आरबीआई ने किया अहम ऐलान, लॉन्च करेगा डिजिटल पेमेंट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म

उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी से बचाने के लिए आरबीआई की पहल का स्वागत : शंकर ठक्कर

  • मुम्बई

Lalit Dave
National Correspondent

Lalit Dave, Reporter And National Correspondent - Mumbai Maharashtra
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कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया देश में लगातार ऑनलाइन ट्रांजैक्शन बढ़ रहे हैं उसके साथ-साथ ऑनलाइन धोखाधड़ियां भी बढ़ रही है इस पर नकेल कसना बहुत जरूरी था क्योंकि आजकल छोटे दुकानदार और रेडी पटरी पर भी अधिकतर भुगतान ऑनलाइन माध्यम से किया जा रहा है इसलिए यही लोग जो कि कम पढ़े लिखे हैं इसलिए धोखाधड़ी का शिकार आसानी से बनते हैं। कैट ने इस बात का संज्ञान लेते हुए आरबीआई से डिजिटल पेमेंट करने वालों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की थी।

पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल भुगतान की मुद्रा में वृद्धि और साइबर धोखाधड़ी की घटनाओं के साथ, डिजिटल भुगतान की सुरक्षा को मजबूत करने और नियामक ढांचे को और अधिक कुशल बनाने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्तीय क्षेत्र में नवाचार शुरू किया है। पारिस्थितिकी तंत्र, प्रभाव और दक्षता को बढ़ावा देने के लिए प्रस्ताव बनाए गए हैं।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा घोषित यह पहल भारत के डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और वित्तीय लेनदेन के लिए एक सक्षम वातावरण को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।

गवर्नर दास द्वारा की गई प्रमुख घोषणाओं में से एक डिजिटल भुगतान इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म की स्थापना है। यह प्लेटफॉर्म उन्नत तकनीक की मदद से भुगतान धोखाधड़ी के जोखिमों को कम करने और डिजिटल लेनदेन की सुरक्षा बढ़ाने में उपयोगी होगा।

30 मई को आरबीआई द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों द्वारा रिपोर्ट की जाने वाली वित्तीय धोखाधड़ी की संख्या में काफी वृद्धि हुई है, एक वर्ष में कुल 36,075 मामले सामने आए हैं। जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में सामने आए 13,564 मामलों की तुलना में 166 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। हालाँकि धोखाधड़ी के मामलों की संख्या में काफी वृद्धि हुई, लेकिन इन घटनाओं में शामिल कुल राशि में काफी कमी आई। आरबीआई ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) और लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) के लिए थोक जमा सीमा को संशोधित करने का प्रस्ताव दिया है। आरबीआई ने कहा कि उसने बैंकिंग क्षेत्र के लिए अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया है।

शंकर ठक्कर ने आगे कहा आरबीआई द्वारा की गई इस घोषणा का कैट और महासंघ ने स्वागत करते हुए उपभोक्ताओं को जालसाजी से बचाने के लिए उठाए गए इस कदम के लिए वित्त मंत्री का आभार जताया।

न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

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