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हिन्दू संगठनों ने आंदोलन के पश्चात प्रतीकात्मक पूजा कर केंद्र सरकार से की मांग

मुंबई के पास घारापुरी गुफाओं में शिवपिंडी की पूजा करने की अनुमति दें केन्द्र सरकार

मुंबई – ‘घारापुरी गुफाएं’ (एलिफंटा केव्हज) मुंबई के पास घारापुरी द्वीप पर भगवान शिव का प्राचीन निवासस्थान है, जिसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में मान्यता दी गई है। हिन्दुओं की सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक स्थल घारापुरी में हिन्दुओं को पूजा का अधिकार दिलाने के लिए हिन्दू संगठनों ने जन आंदोलन कर केंद्र सरकार से मांग की थी।
स्वातंत्र्य वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक, हिन्दू जनजागृति समिति और ‘सुदर्शन वाहिनी’ ने घारापुरी में शिवपिंडी में एक प्रतीकात्मक पूजा शुरू की। इस अवसर पर स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सावरकर, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे और सुदर्शन चैनल के मुख्य संपादक सुरेश चव्हाणके ने इस जन आंदोलन का नेतृत्व किया।
  • इस पूजा में घारापुरी ग्राम पंचायत के उपसरपंच बलीराम ठाकुर सहित विभिन्न हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुंबई में ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ से, भक्त भगवा झंडे लेकर और ‘हर हर महादेव’, ‘जय श्री राम’, ‘छत्रपति शिवाजी महाराज की जय’ के नारे लगाते हुए घारापुरी गुफा की ओर बढे । यहां शिवपिंडी का गंगाजल से अभिषेक कर फूल चढाए गए और सामूहिक आरती की गई । इस स्थान पर हिन्दुओं ने शिव स्तोत्र का पाठ कर ‘हर हर महादेव’ का जयघोष किया।

     विषय क्या है ? : माना जाता है कि घारापुरी की गुफाएं 6ठी-8वीं शताब्दी की हैं। यहां की गुफाएं भारतीय मूर्तिकला का सर्वोत्तम उदाहरण मानी जाती हैं। यहां 5 गुफाओं का समूह है और इन सभी गुफाओं में नक्काशी की गई है। पुर्तगाली काल के दौरान इन मूर्तियों को तोड दिया गया था । ब्रिटिश काल में इन मूर्तियों पर गोली चलाने का चलन था । इसलिए वर्तमान में यहां की अधिकांश मूर्तियां खंडित हो चुकी हैं। यह गुफा केंद्रीय पुरातत्व विभाग के अधिकार क्षेत्र में है और यहां शिवपिंडी की पूजा बंद है।


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धार्मिक स्थान पर पूजा का अधिकार न होना हिन्दुओं के साथ अन्याय है – रमेश शिंदे

        हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने कहा की केंद्रीय संसदीय समिति की रिपोर्ट के मुताबिक पुरातत्व विभाग के अधीन धार्मिक स्थलों पर पूजा की अनुमति दी गई है। यदि केंद्रीय पुरातत्व विभाग ने अपने अधिकार क्षेत्र में आनेवाले धार्मिक स्थलों पर पूजा की अनुमति दे दी है, तो राज्यों को भी इसे देने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। जगन्नाथपुरी के कोणार्क सूर्य मंदिर में हिन्दुओं को पूजा करने की अनुमति नहीं है. 


        • अगर हिन्दू अपनी संस्कृति का सम्मान करें, तो अन्य भी करेंगे – रणजीत सावरकर

       स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सावरकर ने कहा की लोगों को अपनी संस्कृति पर गर्व होना चाहिए, घारापुरी की गुफाएं हमारी संस्कृति हैं। कुछ के लिए ये तीर्थस्थल होंगे, कुछ के लिए ये पूजा स्थल होंगे। परिप्रेक्ष्य भिन्न हो सकते हैं, लेकिन यह सच है कि इन गुफाओं का निर्माण हमारे पूर्वजों ने किया था। इसलिए कोई भी उनका अनादर करना पसंद नहीं करेगा। किसी का आपके घर में आना और जूते पहनकर मंदिर में प्रवेश करना सही नहीं है। हालाँकि चर्च में जूते पहनना ठीक है, लेकिन हिन्दू मंदिरों में जूते पहनना हमारी संस्कृति नहीं है। यदि हम अपनी संस्कृति का सम्मान करेंगे, तो अन्य लोग भी इसका सम्मान करेंगे।


पुरातत्व विभाग के सभी धार्मिक स्थलों पर हिन्दुओं को पूजा का अधिकार मिलना चाहिए! – सुरेश चव्हाणके


                सुदर्शन वाहिनी के संपादक सुरेश चव्हाणके ने कहा कि हमारी मांग है कि पुरातत्व विभाग के अधिकार क्षेत्र में जितने भी हिन्दुओं के धार्मिक स्थल हैं, उनमें पूजा शुरू करने की अनुमति दी जाए और वहां जूतों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगाया जाए. पुरातत्व विभाग के अधिकार क्षेत्र में आनेवाले मंदिरों में पूजा नहीं की जाती है. लेकिन पुरातत्व विभाग के अधिकार क्षेत्र की मस्जिदों में नमाज अदा की जाती है। पुरातत्व विभाग के अधिकार क्षेत्र में आनेवाले हिन्दू धार्मिक स्थानों में चप्पलें भी पहनी जाती हैं। घारापुरी स्थित धार्मिक स्थल का भी कुछ ऐसा ही हाल है।


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घारापुरी के उपसरपंच बलीराम ठाकुर ने इस समय कहा की घारापुरी गुफाएं शिव का निवास स्थान है। इसलिए हमने पहले ही भारतीय पुरातत्व विभाग से मांग की है कि घारापुरी गुफा को सोमवार को बंद न किया जाए। हमने सरकार से यह मांग भी की है कि यहां के शिव मंदिर में पूजा की जा सके। 

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