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HMPV वायरस का चीन से भारत में दस्तक: 7 मामले आए सामने, बच्चों और बुजुर्गों के लिए सतर्कता जरूरी

HMPV वायरस पर भारत में बढ़ी सतर्कता, जानें क्या है यह वायरस

“चीन में HMPV का प्रकोप, भारत में भी पहुंचा वायरस”


HMPV वायरस: चीन से भारत तक सतर्कता की आवश्यकता

  • नई दिल्ली, 07 जनवरी 2025:

चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों में बढ़ोतरी के बाद यह वायरस वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। भारत में भी इस वायरस को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि देश में अभी तक इस वायरस का कोई गंभीर प्रकोप नहीं देखा गया है।

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक श्वसन संबंधी वायरस है, जो सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण उत्पन्न करता है। हाल ही में, चीन में इस वायरस के मामलों में वृद्धि देखी गई है, जिससे अस्पतालों में भीड़भाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। हालांकि चीनी अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इनमें से कई मामले सामान्य इन्फ्लूएंजा के हैं।

भारत में भी HMPV के कुछ मामले सामने आए हैं, विशेषकर बेंगलुरु और अहमदाबाद में शिशुओं में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इन मामलों का चीन से कोई सीधा संबंध नहीं पाया गया है, और प्रभावित शिशुओं की अंतरराष्ट्रीय यात्रा की कोई इतिहास नहीं है।

HMPV वायरस क्या है?

HMPV के लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बहना, गले में खराश, घरघराहट, सांस लेने में कठिनाई और दाने शामिल हो सकते हैं। यह वायरस विशेषकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों में गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है, जैसे कि ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया।

HMPV के निदान के लिए रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन (RT-PCR) और रियल-टाइम क्वांटिटेटिव PCR (RT-qPCR) जैसी आणविक तकनीकों का उपयोग किया जाता है। वर्तमान में, इस वायरस के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। उपचार मुख्य रूप से लक्षणों के प्रबंधन और जटिलताओं की रोकथाम पर केंद्रित है, जिसमें आराम, हाइड्रेशन, और गंभीर मामलों में ऑक्सीजन थेरेपी शामिल है।

भारत में स्थिति

भारत में HMPV के कुछ मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन अभी तक इसका कोई बड़ा प्रकोप नहीं देखा गया है। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने पुष्टि की है कि राज्य में फिलहाल इस वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है। केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर इस पर निगरानी बनाए हुए हैं।

वहीं विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत में इस वायरस के फैलने की संभावना कम है, लेकिन COVID-19 महामारी के अनुभव को ध्यान में रखते हुए सतर्कता बरतना आवश्यक है।

HMPV वायरस का भारत में असर

1. स्वास्थ्य पर असर: वायरस बच्चों और बुजुर्गों में अधिक गंभीर हो सकता है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। वर्तमान में इसके लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।

2. आर्थिक प्रभाव:  अगर मामलों में वृद्धि होती है, तो अस्पतालों पर दबाव बढ़ सकता है। दवा और चिकित्सा उपकरणों की मांग में वृद्धि हो सकती है।

3. सामाजिक प्रभाव:  वायरस को लेकर डर और भ्रांतियां फैल सकती हैं, जिससे सामान्य जीवन प्रभावित हो सकता है।

सावधानियां और उपाय

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से सतर्क रहने और इन निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है:

  • हाथों की नियमित सफाई करें।
  • भीड़-भाड़ वाले स्थानों में मास्क पहनें।
  • बीमार व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें।
  • बुखार, खांसी या गले में खराश होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें।
  • प्रतिरक्षा को मजबूत करने के लिए स्वस्थ आहार और व्यायाम करें।

सरकार की तैयारी

सरकार ने एयरपोर्ट्स और अन्य एंट्री पॉइंट्स पर स्क्रीनिंग बढ़ा दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को सतर्कता बरतने और संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट तुरंत देने के निर्देश दिए हैं।

जनता से अपील

स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी लक्षण के उभरने पर डॉक्टर से सलाह लें। HMPV वायरस के बारे में जागरूकता बढ़ाना और सतर्क रहना ही इससे बचने का सबसे बड़ा उपाय है।

 

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