मकान में लगी आग से गृहस्थी और दुकान का सामान जलकर राख, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

- जगम्मनपुर, जालौन
जालौन जनपद के रामपुरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम जगम्मनपुर में मंगलवार की सुबह एक हृदयविदारक हादसा हो गया।
गांव के हुसेपुरा रोड पर स्थित शिवनरेश पुत्र भोगीलाल लक्ष्यकार के कच्चे मकान में खाना बनाते समय आग लग गई, जिससे उनका पूरा गृहस्थी का सामान और दुकान का माल जलकर राख हो गया।
घटना सुबह लगभग 9 बजे की है जब शिवनरेश की पत्नी सुमित्रा देवी अपने आठ सदस्यीय परिवार के लिए चूल्हे पर खाना बना रही थीं। बताया गया कि चूल्हे से निकली चिंगारी ने मकान की छत पर रखे फूस (सूखी घास) को चपेट में ले लिया, जिससे आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। देखते ही देखते पूरा खपरैल मकान धूं-धूं कर जलने लगा।
आग की तेज लपटों और धुएं के कारण आसपास अफरा-तफरी मच गई। मोहल्ले वालों ने बाल्टियों से पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका, लेकिन तब तक सब कुछ स्वाहा हो चुका था।
सभी जरूरी सामान जलकर खाक
शिवनरेश एक फेरीवाले हैं, जो गांव-गांव जाकर बच्चों के खिलौने और जनरल स्टोर का सामान बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। इस आगजनी की घटना में उनका सारा व्यवसायिक सामान, गेहूं-चावल, कपड़े, बिस्तर, बच्चों के खेलने का सामान और फेरी लगाने वाली ठिलिया (हाथगाड़ी) सहित लगभग 70-80 हजार रुपये का सामान जलकर राख हो गया।
परिवार हुआ बेसहारा
शिवनरेश ने रोते हुए बताया कि आग में उनका सब कुछ चला गया है। उनके पास अब न तो खाने को अन्न है, न पहनने को कपड़े। दुकान का सारा सामान जलने से उनके परिवार की आय का स्रोत भी समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा, “हमारे सामने अब खाने-पीने की भी समस्या आ खड़ी हुई है। समझ नहीं आ रहा कि अब आगे कैसे गुजारा होगा।”
स्थानीय लोगों का सहयोग
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने आग बुझाने में मदद की और आग पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया। गांव के कुछ लोगों ने राहत के तौर पर खाने-पीने का सामान और जरूरी वस्तुएं जुटाने का प्रयास भी किया। हालांकि प्रशासन की ओर से अब तक कोई सहायता नहीं पहुंची है।
प्रशासन से मदद की उम्मीद
ग्रामवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि आग पीड़ित परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता और राशन सामग्री उपलब्ध कराई जाए, जिससे वे अपने जीवन की गाड़ी दोबारा पटरी पर ला सकें।
यह घटना ग्रामीण इलाकों में अग्नि सुरक्षा के अभाव और चूल्हे से होने वाले खतरों की ओर स्पष्ट संकेत देती है। जरूरत है कि ऐसे परिवारों को जागरूक किया जाए और प्रशासन की ओर से पुख्ता सुरक्षा उपाय किए जाएं, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
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