Blogs

विश्व जल दिवस 2024, जाने जल दिवस की शुरुआत कैसे हुई, धाराया आप : परम पवित्रम्

विश्व जल दिवस 2024 (22मार्च )पर विशेष आलेख – आओ जल बचाएं धाराया आप : परम पवित्रम्। अर्थात पृथ्वी पर जल ही सबसे पवित्र द्रव्य है। सचमुच जल ही जीवन है जल के बिना जीवन की कल्पना भी मुश्किल है।जल जीवन के लिए अमृत है,जल जीवन का आधार है।सच ही कहा गया –‘जल है तो कल है ‘

जल के इसी महत्व को समझते हुए 1992 में ब्राजील के रियो-डी-जेनेरियो में हुए पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के दौरान प्रस्ताव पारित किया व 1993में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 22मार्च को विश्व जल दिवस नामित किया। विश्व जल दिवस 22मार्च हमें जीवन के लिए जल के महत्व और वर्तमान व भविष्य की पीढ़ियों के लाभ के लिए इस बहुमूल्य संसाधन को स्थायी और न्यायसंगत तरीके से प्रबंधित करने की आवश्यकता की याद दिलाता है।

जल एक दुर्लभ प्राकृतिक संसाधन हैं जो जीवन, जीविका, खाद्य-सुरक्षा और निरंतर विकास का आधार है। भारत में संसार की 18 प्रतिशत से अधिक आबादी है जबकि विश्व का केवल 4 प्रतिशत नवीकरणीय जल संसाधन और विश्व में भू-जल का 2.4 प्रतिशत भू क्षेत्र है।
पंच तत्व जीवन के आधार मानें गए हैं उसमें एक तत्व जल भी है। अगर जल नहीं रहेगा तो जीवन की कल्पना कैसी?और सृष्टि का निर्माण कैसा?जल का महत्व इस बात का भी परिचायक है कि दुनियां की बड़ी बड़ी सभ्यताएं और प्राचीन नगर नदियों के किनारे ही बसे और फले फूले –

जल तो जीवन है,जीवन है तो पर्यावरण है। पर्यावरण से ये धरती है और धरती से हम सब है।

जल एक सीमित संसाधन हैं, पृथ्वी पर केवल 2.7 प्रतिशत स्वच्छ पानी है। जल संसाधनों की कमी प्राकृतिक वातावरण को भी खराब करती है। नीति आयोग के समग्र जल प्रबंधन सूचकांक के अनुसार भारत के लगभग 600 मिलियन से अधिक लोग गंभीर जल संकट का सामना कर रहे हैं। यह अंदेशा भी है -“साल 2030 तक भारत में पानी की मांग उपलब्ध आपूर्ति की तुलना में दोगुनी हो जाएगी।” किसी ने ठीक ही लिखा –

यदि समय रहते न ढूंढ़ा जल,राशन की दुकानों में मिलेगा पेय जल।
दो वक्त खाना दो वक्त जल, ऐसा होगा हमारा आने वाला कल।’

जल संरक्षण आज समूची दुनिया के लिए अहम चिंता का विषय है। प्रकृति हमें निरंतर वायु,जल , प्रकाश आदि शाश्वत गति से दे रही है लेकिन हम प्रकृति के इस नैसर्गिक संतुलन को बिगाड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। पानी को बचाने की दिशा में हमें पहले से चेत जाने की जरूरत है क्योंकि –

रहिमन पानी राखिए,बिन पानी सब सून। पानी गए न उबरे,मोती मानुष चून।।

यह भी पढ़े   आरएमएससी की प्रबंध निदेशक ने औषधि भण्डार गृहों में चल रहे सिविल कार्यों की समीक्षा की -निर्माण कार्यों में देरी पर नोटिस जारी करने के निर्देश


जल संरक्षण में आम आदमी भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है –

1.   सार्वजनिक व घरेलू नल को उपयोग के बाद उसे तुरंत बंद कर दें।
2.   उतना ही पानी ही उपयोग करें जितनी आवश्यकता हो।
3.   जल आपूर्ति प्रणाली में लिकेज की सूचना जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को दे।
4.   सार्वजनिक शौचालयों में नल खुला न छोड़ें।
5.   जल संरक्षण तथा छत से वर्षा जल संचयन प्रणालियों को अपनायें।
6.   फसल, मिट्टी, जलवायु के अनुरूप सिंचाई पद्धति अपनाएं।
7.  जल का उपयोग जिम्मेदारी से जागरूकता के साथ करें। वाटर सप्लाई के पानी को अपना पानी समझे।
8.  वाशिंग मशीन से निकलने वाले पानी का उपयोग कार की धुलाई,घर के फर्श आंगन छत को धोने में करें।
9.  रसोईघर से निकलने वाले पानी को रिसाइकिल कर बगीचे में डाले।
10. घर में कम पानी वाले पौधे लगाए।
11. नल अच्छी तरह से बंद करें।लीकेज होने पर तुरंत ठीक कराएं।
12. आर ओ तथा एसी से निकले वेस्ट पानी का उपयोग करें।
13. जल साक्षरता को बढ़ावा दे।जल संरक्षण के बारे में शिक्षित करें, पानी की कमी के बारे में जागरूक करें।
14. केंद्र सरकार के जल शक्ति अभियान, प्रधानमन्त्री कृषि सिंचाई योजना,अटल भू-जल योजना,नमामि गंगे पहल, राष्ट्रीय नदी जल संरक्षण योजना, अमृत सरोवर मिशन,सही फसल अभियान तथा राज्य सरकार के जल स्वावलंबन अभियान के बारे में जानें समझे व जुड़े।

जल अनमोल है,इसका संरक्षण तथा कुशल उपयोग कर हम जल समस्या को संकट तथा संकट को संघर्ष में बदलने से रोक सकते हैं। विश्व जल दिवस पर हम जल की बूंद बूंद को सहेजने का संकल्प लेना ही विश्व जल दिवस की सार्थकता को सिद्ध करेगा।

विजय सिंह माली, प्रधानाचार्य श्रीधनराज बदामिया राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय सादड़ी जिला पाली राजस्थान मोबाइल 9829285914 vsmali1976@gmail.com

3 Comments

  1. I’m really impressed with your writing skills and also with the layout on your weblog. Is this a paid theme or did you customize it yourself? Either way keep up the nice quality writing, it’s rare to see a great blog like this one these days..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button