संवाद, समझ और सम्मान से मिलता है रिश्तों को परवरिश – मुनि मेधांश
मुनि सम्बोध कुमार ‘मेधांश’ ने कहा- रिश्ते पौधे की तरह होते हैं, स्नेह की धूप, वात्सल्य का सिंचन, और विश्वास की हवा मिले तो परिवार को स्वर्ग का क्लोन होने से कोई नहीं रोक सकता।
मुख्य अतिथी महिला समाज सोसाइटी अध्यक्षा श्रीमती माया कुंभट ने कहा- ननद-भाभी के रिश्तें बड़े अनमोल होते हैं। उन्होने काव्य पंक्तियों के साथ ननद-भाभी के सम्बंधों पर प्रकाश डाला। भाभी घर पर दस्तक देते ही पहले अपना सामान खोलते ही ननद को अपनी पसंद की चीज चुन लेने का अनुरोध करती है। यही रिश्ते को अहमियत देती है | यह नाजुक डोर है न ज्यादा खींचे न ढील छोड़े । रिश्तों को सम्मान और स्थान दे। जैसे मोबाइल को हम रिचार्ज करते है वैसे ही समय और पॉजिटिविटी से अपने रिश्तों को रिचार्ज करें।
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उपासिका श्रीमती बसंत कंठालिया ने सभी को सहिष्णुता की अनुप्रेक्षा का प्रयोग करवाया। श्रीमती रुशिका पोरवाल, डिम्पल बाबेल, नेहा चपलोत के प्रेरणा गीत से शुरु हुए कार्यक्रम में स्वागत मंडल अध्यक्षा श्रीमती सीमा बाबेल व आभार मंत्री श्रीमती ज्योति कछारा ने जताया। मंच संचालन श्रीमती हर्षाली पोरवाल, श्रीमती आशा सुराणा, श्रीमती कशिश पोरवाल ने किया। मंडल कोषाध्यक्ष श्रीमति कविता बड़ाला ने अतिथी परिचय प्रस्तुत किया।
कार्यशाला में बूझो तो जाने प्रतियोगिता में यह रहे विजेता
- साक्षी — मीना कच्छारा प्रथम,
- अलका जैन— सरोज सोनी द्वितीय ,
- कंचन जैन — कांता पोरवाल तृतीय रहे ,
वही बंधन खोलो प्रतियोगिता में यह रहे विजेता
- ममता— उर्मिला छाजेड प्रथम,
- डिंपल—श्वेता जैन द्वितीय,
- साक्षी— मीना कच्छारा तृतीय स्थान पर विजयी रहे.
अंत में टाइम पंचुअलिटी के लिए उर्मिला छाजेड, सुशीला कोठारी,पूजा श्रीमाल, को लकी ड्रॉ विनर घोषित किया गया
विजेताओ को अतिथि व मंडल पदाधिकारियों ने पुरुस्कार से नवाजा।
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